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ईटीवी से बोले राहत आयुक्त, 'बाढ़ आपदा राहत पहुंचाने में रहते हैं सक्रिय'

उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में इन दिनों नदियां उपान पर हैं पूरे देश में बाढ़ का कहर लगातार बना हुआ है. इसको देखते हुए उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त ने कहा है कि वह हमेशा बाढ़ से निपटने के लिए तैयार रहते हैं. उनकी कोशिश रहती है कि कम से कम हानि हो.

राहत आयुक्त उत्तर प्रदेश.

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Published : Sep 21, 2019, 8:06 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है और उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त कार्यालय की तरफ से पूरी सक्रियता होने का दावा किया गया है. राहत आयुक्त जीएस प्रियदर्शी ने ईटीवी से बातचीत में कहा कि हम हर समय अलर्ट मोड पर रहते हैं.

जानकारी देते राहत आयुक्त

हमारा लक्ष्य बाढ़ से होने वाली जन धन हानि को रोकना-
उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त जीएस प्रियदर्शी ने ईटीवी से बातचीत करते हुए कहा कि हमारी कोशिश है कि हम इतनी अधिक सक्रियता और तत्परता से काम करें कि कहीं कोई अप्रिय घटना न होने पाए. हमारी कोशिश होती है कि कोई भी जनहानि न होने पाए. सभी जिलों में हम जिलाधिकारियों पुलिस कप्तानों के संपर्क में रहते हैं और जिस प्रकार से कंट्रोल रूम में सूचना मिल रही है उसके अनुसार तत्काल एनडीआरएफ- एसडीआरएफ को रवाना होने के निर्देश देते हैं और राहत के कार्य किए जाते हैं.

इन जिलों में खतरे के निशान के ऊपर बह रहीं नदियां-
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में फाफामऊ, बलिया, वाराणसी, औरैया, कालपी, जालौन, हमीरपुर, चिल्ला घाट बांदा, नैनी प्रयागराज, हमीरपुर, एल्गिन ब्रिज बाराबंकी, बलिया के तुरती पार, अयोध्या फैजाबाद में क्रमशः गंगा यमुना बेतवा घाघरा खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं और बाढ़ की स्थिति बनी हुई है.

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बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के संपर्क में है राहत आयुक्त कार्यालय-
प्रदेश के 13 जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है, जहां पर पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. सबसे अधिक अगर पापुलेशन फंसी होने की बात है तो प्रयागराज में सबसे ज्यादा लोग प्रभावित हैं और भी जिलों में स्थिति गंभीर है. 13 जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई है. उससे निपटने के लिए सारे के सारे जिलाधिकारियों से हम संपर्क में हैं. सेंट्रल वाटर कमीशन आईएमडी और नीचे अपने जनपदों के साथ हम लोग लगातार संपर्क में हैं.

जिलाधिकारियों को निर्देश, 24 घंटे कंट्रोल रूम चलाए जाएं-
हमें जो एडिशनल इनफार्मेशन मिल रही है कि पानी आने की अधिक वर्षा की तो हम रियल टाइम से नीचे पहुंचाते हैं और कंट्रोल रूम के माध्यम से हम काम कर रहे हैं. सभी जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश हैं कि 24 घंटे कंट्रोल रूम चलाई जाए. राहत केंद्रों की जहां जरूरत हो वह बनाए जाएं. राहत सामग्री या अन्य जो भी जरूरतें हैं वह पहले से तैयार किया जाए. कहीं किसी भी जिले में किसी भी प्रकार की कोई धनराशि की कमी नहीं है. अगर कोई कमी बताई जाती हो तो हम उसे भी देने के लिए पूरी तत्परता से लगे रहते हैं.

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