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Published : Sep 25, 2021, 9:30 AM IST

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पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी का फरार रिश्तेदार, एक करोड़ की कर चोरी में गिरफ्तार

कवित्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में सजा काट रहे पूर्व मंत्री और आरोपी अमरमणि त्रिपाठी की पत्नी का भाई और सहारनपुर के टपरी स्थित शराब फैक्ट्री में एक करोड़ रुपये की कर चोरी के मामले में वांछित अश्वनी कुमार उपाध्याय को शुक्रवार को यूपी STF ने गिरफ्तार कर लिया है.

पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी का फरार रिश्तेदार गिरफ्तार
पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी का फरार रिश्तेदार गिरफ्तार

सहारनपुर: यूपी STF ने सहारनपुर के टपरी स्थित शराब फैक्ट्री में एक करोड़ रुपये की कर चोरी के मामले में वांछित को-आपरेटिव कंपनी लिमिटेड का पीआरओ अश्वनी कुमार उपाध्याय को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस की मानें तो आरोपी पूर्व मंत्री और कवित्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में सजा काट रहे अमरमणि त्रिपाठी की पत्नी का भाई है और वह लखनऊ में अपने बहनोई अमरमणि त्रिपाठी के किसान पथ स्थित फार्म हाउस अपने सगे भांजे अमनमणि त्रिपाठी के सरकारी निवास में भी छिपकर फरारी काट रहा था. गिरफ्तार आरोपी को थाना एसआईटी लखनऊ पर उपरोक्त अभियोग में दाखिल कर दिया गया है. आगे की कार्रवाई एसआईटी लखनऊ द्वारा की जा रही है.

कोऑपरेटिव कंपनी लिमिटेड टपरी सहारनपुर लोकल आबकारी डिस्ट्रीब्यूटर ट्रांसपोर्ट एवं कॉपरेटिव फैक्ट्री में नियुक्त आबकारी विभाग के अधिकारी की मिली भगत से कंपनी के अभिलेखों में हेराफेरी कर करोड़ो रुपए की टैक्स एवं एक्साइज ड्यूटी चोरी की घटना के संबंध में 8 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया था. इसी अभियोग में वांछित सरगना ट्रांसपोर्टर एवं 25000 रुपये का इनामी अभियुक्त सत्यवान शर्मा को हरियाणा प्रांत से, और कंपनी का टेक्निकल हेड कमल डेनियल को उत्तराखंड से, एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किया गया था. अब एसटीएफ ने अश्वनी कुमार उपाध्याय को गिरफ्तार किया है. अश्वनी मूल निवासी मछली पट्टी थाना गहमर गाजीपुर का रहने वाला है.


एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश के मुताबिक, पकड़े गये आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह 'को-ऑपरेटिव कम्पनी टपरी सहारनपुर का सेल्स हेड है. अश्वनी इस कम्पनी के मालिक प्रणय अनेजा के ही फाइनेन्स कम्पनी "स्टैलर कम्पनी प्राइवेट लिमिटेड" डी-10, ओखला फेस-1 दिल्ली का भी लाइजनिंग आफिसर है. फैक्ट्री से सीएल-2 गोदामों पर "शबनम अंगूरी ब्राण्ड" की देशी शराब भेजवाने एवं उसका पेमेण्ट कम्पनी के खाते में कराने एवं कम्पनी के अन्य कागजी कार्रवाई को पूरा कराने की जिम्मेदारी अश्वनी कुमार उपाध्याय उपरोक्त की थी.

एडीजी के मुताबिक, आरोपी ने बताया कि, टपरी को-ऑपरेटिव फैक्ट्री में नियुक्त अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से ट्रांसपोर्ट के ट्रकों के माध्यम से नजदीक के डिस्ट्रीब्यूशन पॉइंट पर दो दिन के एक गेटपास पर दो चक्कर और उन्नाव और कानपुर के डिस्ट्रीब्यूशन पॉइंट पर चार दिन के एक गेटपास पर दो चक्कर लगाकर एक ही बिल्टी पर एक्साइज टैक्स की बड़ी चोरी की घटना अंजाम दी जाती थी.

फैक्ट्री से गाड़ी की निकासी के दौरान फैक्ट्री के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा फैक्ट्री के सीसीटीवी कैमरे को बंद कर दिया जाता था. ट्रांसपोर्ट कम्पनी के ट्रक ड्राइवरों द्वारा ट्रक में लगे जीपीएस को भी ऑफ कर दिया जाता है, जिसके कारण गाड़ियों के फेरों की जीपीएस लोकेशन लॉग नहीं होती थी. इस समस्त कार्य में को-ऑपरेटिव कम्पनी टपरी सहारनपुर के मालिक और अधिकारियों की पूरी मिलीभगत होती थी.

एडीजी के मुताबकि, आरोपी ने बताया कि सीएल-2 गोदाम कानपुर और उन्नाव का काम देखने वाले मनोज जायसवाल, बदायू एवं सम्भल का काम देखने वाले राकेश आहुजा एवं सीएल-2 गोदाम जौनपुर का काम देखने वाले प्रदीप जायसवाल एवं फैक्ट्री के मालिक प्रणय अनेजा की आपस में गोपनीय मीटिंग होने के बाद प्रणय अनेजा (फैक्ट्री मालिक) के निर्देशन में एक ही बिल्टी पर 02 बार शराब लदी गाड़ी (एक बार वैध एवं एक बार अवैध रूप से) निकालने का काम प्रारम्भ किया गया, जिसमें एक्साइज विभाग के अधिकारियों को प्रति पेटी 500 रूपये (प्रत्येक गाड़ी से 1500 पेटी शराब की सप्लाई होती थी) की दर से प्रत्येक गाड़ी पर सात लाख पचास हजार रुपये दिये जाते थे.

गिरफ्तार अभियुक्त ने यह भी बताया कि उक्त प्रकरण में को-ऑपरेटिव कम्पनी के अधिकारियों व कर्मचारियों की गिरफ्तारी हो जाने के बाद में अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए प्रदेश के विभिन्न जनपदों में स्थान बदल-बदल कर छिपकर रह रहा था. उसी क्रम में कभी-कभी जनपद लखनऊ में अपने सगे भांजे अमनमणि त्रिपाठी के सरकारी निवास एवं अपने बहनोई अमरमणि त्रिपाठी के किसान पथ स्थित फार्म हाउस थाना क्षेत्र चिनहट, लखनऊ पर भी छिपकर रहता था.

गिरफ्तार आरोपी अश्वनी उपाध्याय बरेली कालेज, बरेली से वर्ष 1980 में एमकाम की शिक्षा पूर्ण करने के बाद वर्ष 1984 से 1992 तक असिस्टेण्ट एकाउण्टेंट रहा. वर्ष 1992 से 1998 तक केसर इण्टर प्राइजेज (सुगर फैक्ट्री में कामर्शियल आफिसर के पद पर रहा. वर्ष-1998 से 2003 तक अलाना मीट फैक्ट्री दही चौकी उन्नाव में लाइजन आफिसर रहा. वर्ष 2003 से 2007 से सुपीरियर इण्डस्ट्रीज (शराब फैक्ट्री) बरेली में कामर्शियल मैनेजर रहा. वर्ष 2008 से 2011 तक गोवा में अपनी शराब की दुकान चलाया. वर्ष 2012 से अब तक "को-ऑपरेटिव कम्पनी टपरी सहारनपुर का सेल्स हेड एवं "स्टैलर कम्पनी प्राइवेट लिमिटेड" दोनों कम्पनियों का लाइजनिंग आफिसर रहा.

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