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बदले नियम से होगी LDA में संपत्तियों की रजिस्ट्री - difference in tariff rates in lucknow authority

लखनऊ विकास प्राधिकरण में संपत्तियों की रजिस्ट्री बदले नियम से होगी. साल 2014 या इससे पहले हुए आवंटन वाली संपत्तियों पर यह नया फॉर्मूला लागू होगा. जबकि साल 2015 या इसके बाद आवंटित संपत्तियों पर मौजूदा सर्किल रेट का ही 12 प्रतिशत फ्री होल्ड शुल्क लिया जाएगा.

regulation of properties is changed
संपत्तियों की रजिस्ट्री के बदले नियम

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Published : Nov 27, 2020, 1:15 PM IST

लखनऊः विकास प्राधिकरण में संपत्तियों की रजिस्ट्री बदले नियम से होगी. साल 2014 या इससे पहले हुए आवंटन वाली संपत्तियों पर यह नया फॉर्मूला लागू होगा. वहीं साल 2015 या इसके बाद आवंटित संपत्तियों पर मौजूदा सर्किल रेट का ही 12 प्रतिशत फ्री होल्ड शुल्क लिया जाएगा. फॉर्मूला तय होने के बाद अब एलडीए सचिव पवन गंगवार ने रुकी हुई रजिस्ट्री शुरू करने का आदेश कर दिया है.

शुल्क की दरों में अंतर के चलते रोकी गई थी रजिस्ट्री
एलडीए के वित्त नियंत्रक राजीव कुमार सिंह के मुताबिक फ्री होल्ड शुल्क की दरों में अंतर की वजह से 2014 से पहले आवंटित संपत्तियों की रजिस्ट्री रोकी गई थी. अब यह निर्णय लिया गया है कि 12 प्रतिशत शुल्क में से 10 प्रतिशत आवंटन के समय की कीमतों की दरों पर ही लिया जाए. वहीं बाकी दो प्रतिशत मौजूदा सर्किल दर पर लिया जाएगा. वित्त नियंत्रक ने बताया कि फ्री होल्ड रजिस्ट्री शुरू होने से पहले 10 प्रतिशत लीज रेंट संपत्ति की बिक्री दर पर लिया जाता था. इसके बाद शासन ने दो प्रतिशत अतिरिक्त लेकर फ्री होल्ड रजिस्ट्री करने का आदेश कर दिया. इसे आधार बनाकर फॉर्मूला तय किया गया है.

'नए आवंटियों पर नहीं पड़ेगा असर'
साल 2014 के बाद सर्किल दरों में वृद्धि नहीं हुई है. ऐसे में इससे पहले के आवंटियों पर ही इसका असर पड़ रहा है. नए आवंटियों को अब रजिस्ट्री के समय मौजूदा सर्किल दर पर ही फ्री होल्ड शुल्क देना होगा. वित्त विभाग नए सिरे से फ्री होल्ड शुल्क का आंकलन कर आवंटियों को नए अंतिम आगणन की जानकारी देगा. ऐसे में बकाया राशि को जमा कर रजिस्ट्री हो सकेगी.

रजिस्ट्री के लिए LDA के चक्कर काट रहे लोग
जिनकी रजिस्ट्री की तैयारी पूरी हो चुकी थी, अब वह एलडीए के दोबारा चक्कर काट रहे हैं. इन्हें बता दिया गया है कि कुछ शुल्क और जमा करना पड़ सकता है. ऐसे में कुछ दिन इंतजार करना होगा. सृष्टि, सरगम, पंचशील अपार्टमेंट के अलावा अलग-अलग योजनाओं में भूखंड़ों की रजिस्ट्री रुक गई हैं. ओटीएस के बाद भी कई संपत्तियों की रजिस्ट्री की जानी है.

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