लखनऊ : लोक निर्माण विभाग (social media in Public Works Department) की छवि को सुधारने के लिए सोशल मीडिया पर अलग-अलग अकाउंट के जरिए समस्याओं का समाधान और अफवाहों का खंडन करेगा. हाल फिलहाल में अनेक ऐसे मामले आए जहां लोक निर्माण विभाग की छवि सोशल मीडिया पर काफी खराब की गई. जिस मामले में छवि खराब की गई उसमें वास्तविकता कुछ और थी. ऐसे मामलों से निपटने के लिए अब पीडब्ल्यूडी अपने सोशल मीडिया विभाग को और मजबूत करेगा. जिसके जरिए न केवल अफवाहों का खंडन किया जाएगा, बल्कि लोगों की समस्याओं का समाधान भी होगा. इस संबंध में एक टीम का गठन कर दिया गया है जो तत्काल काम करना शुरू कर देगी. इससे पहले लोक निर्माण विभाग के मंत्री जितिन प्रसाद भी सोशल मीडिया को मजबूत बनाने के लिए प्रयास करने की बात कह चुके हैं.
सोशल मीडिया पर शिकायतों का होगा समाधान, अफवाहों का खंडन करेगा लोक निर्माण विभाग - लोक निर्माण विभाग
लोक निर्माण विभाग (social media in Public Works Department) की छवि को सुधारने के लिए सोशल मीडिया पर अलग-अलग अकाउंट के जरिए समस्याओं का समाधान और अफवाहों का खंडन करेगा. हाल फिलहाल में अनेक ऐसे मामले आए जहां लोक निर्माण विभाग की छवि सोशल मीडिया पर काफी खराब की गई. जिस मामले में छवि खराब की गई उसमें वास्तविकता कुछ और थी. ऐसे मामलों से निपटने के लिए अब पीडब्ल्यूडी अपने सोशल मीडिया विभाग को और मजबूत करेगा.
पीडब्ल्यूडी के विभागाध्यक्ष संदीप कुमार ने बताया कि सोशल मीडिया में लोक निर्माण विभाग की छवि को अनावश्यक प्रभावित करने वाली पोस्ट का तत्परता से प्रतिकार करने की आवश्यकता है. जिसके लिए जितेंद्र कुमार बांगा, मुख्य अभियन्ता (भवन) की अध्यक्षता में मुख्यालय पर सोशल मीडिया प्रकोष्ठ स्थापित किया जा रहा है, जोकि अधीक्षण अभियंता, आईडीएस एवं उनके अधीनस्थ आईटी कार्मिकों के सहयोग से समस्त सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे ट्विटर, फेसबुक आदि पर प्रसारित होने वाले पोस्ट का संज्ञान लेते हुए संबन्धित क्षेत्रों से सूचना प्राप्त कर, मुख्य अभियंता से अनुमोदन लेकर इस संबंध में स्पष्टीकरण देंगे. इसके अतिरिक्त समाचार पत्रों में प्रकाशित होने वाले लोनिवि से खबर पर भी सम्बन्धित क्षेत्र के अधिकारियों से सूचना प्राप्त कर रोज रिपोर्ट पेश की जाएगी.
गौरतलब है कि फिलहाल लोक निर्माण विभाग केवल ट्विटर पर ही सक्रिय है. वहां भी लोक निर्माण विभाग के अकाउंट पर केवल आप अपनी बात कह सकते हैं, लेकिन दूसरी ओर से प्रतिक्रिया नहीं होती. इसको प्रति क्रियात्मक बनाया जाएगा, ताकि पीडब्ल्यूडी से जुड़ी लोगों की समस्याओं का न केवल समाधान हो, बल्कि विभाग की छवि में भी सुधार हो.
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