उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

SGPGI में रीनल ट्रांसप्लांट सेंटर में मरीजों की भर्ती शुरू, पहले दिन एक मरीज हुआ भर्ती

लखनऊ के एसजीपीजीआई में रीनल ट्रांसप्लांट सेंटर शुरू हो गया है. इमरजेंसी एंड रीनल ट्रांसप्लांट सेंटर का शिलान्यास 15 अक्बर 2018 को माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था. वहीं, लोकार्पण 8 जनवरी 2022 को किया गया था.

etv bharat
रीनल ट्रांसप्लांट सेंटर

By

Published : May 17, 2022, 9:47 PM IST

लखनऊ : एसजीपीजीआई में मुख्यमंत्री ने चुनाव से पहले रीनल ट्रांसप्लांट सेंटर का उद्घाटन किया था. अब यह रीनल ट्रांसप्लांट सेंटर शुरू हो गया है. नए भवन में मरीजों की भर्ती शुरू हो गई है.

एसजीपीजीआई के निदेशक डॉ. आरके धीमान के मुताबिक आकस्मिक चिकित्सा एवं गुर्दा प्रत्यारोपण केंद्र को बड़े मंगल के अवसर पर शुरू किया गया है. यहां पहले मरीज के तौर पर शिवम मिश्र को भर्ती किया गया. इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो. गौरव अग्रवाल, नेफ्रोलॉजी विभाग के संकाय सदस्य, रेजीडेंट चिकित्सक के अलावा यूपीआरएनएन के अभियंता सहित संस्थान के अन्य कर्मचारी मौजूद रहे. इमरजेंसी एंड रीनल ट्रांसप्लांट सेंटर का शिलान्यास 15 अक्बर 2018 को माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने किया था. वहीं, लोकार्पण 8 जनवरी 2022 को किया गया था. इस भवन में 558 बेड हैं जिसमें इमरजेंसी, नेफ्रोलॉजी और यूरोलॉजी विभाग अपना कार्य करेंगे.

जनरल और शोध पर दें ध्यान :लोहिया संस्थान में शोधपत्र प्रकाशन और पहचान पर कार्यशाला का आयोजन हुआ. इस दौरान डॉ. सुमित नरूला ने कहा कि जनरल के स्तर की पड़ताल जरूरी है. जनरल का पता, एडिटोरियल बोर्ड के सदस्यों के बारे में जानना जरूरी होता है. जनरल का क्षेत्र व विषय वस्तु कहां है. इसे भी जानना जरूरी होता है.

पढ़ेंः प्रतिबंधित दवाओं का तस्कर गिरफ्तार, 5 बोरों में भरी नकली दवाएं बरामद

डॉ. नरूला ने बताया कि कई बार ऐसा होता है कि किसी बड़े जनरल के नाम से मिलते-जुलते नाम से लोकल रिसर्च पेपर शुरू कर दिए जाते हैं. आमतौर पर मेडिकल क्षेत्र के जनरल यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन, स्कोपस और वेब ऑफ साइंस में विषय वस्तु दी जाती है. ये सब बिन्दु सही स्थान पर नहीं होते हैं तो उसका भरोसा संदेह के घेरे में आ जाता है. कार्यशाला के आयोजन सचिव डॉ. मनीष सिंह ने बताया कि कार्यशाला में प्रीडेटोरी जरनल, शोध पत्रिकाओं की पहचान और मेंडेली सॉफ्टवेयर का प्रयोग के बारे में जानकारी साझा की गई. कार्यक्रम में बिहार व उत्तराखंड के मेडिकल कॉलेजों के संकाय सदस्य, जूनियर व सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर मौजूद रहे.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ABOUT THE AUTHOR

...view details