लखनऊः मथुरा जिले में हुए छात्रवृत्ति घोटाले की जांच आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (EOW) या एसआईटी से कराने की सिफारिश की गई है. समाज कल्याण के निदेशक राकेश कुमार ने शासन को भेजे पत्र में कहा है कि विभागीय स्तर पर सीमित समय में यह जांच संभव नहीं है. छात्रवृत्ति घोटाले में निजी फार्मेसी संस्थान, आयुर्वेद, यूनानी पाठ्यक्रमों को संचालित करने वाले संस्थान B.Ed संस्थान और निजी महाविद्यालय के खिलाफ भी गंभीर अनियमितता की शिकायत पाई गई है. इसलिए पूरे मामले की जांच के बाद ही पता चल सकेगा कि इस घोटाले में कौन-कौन लोग शामिल हैं.
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