लखनऊ:उत्तर प्रदेश के गांवों में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए शासन द्वारा आरआरटी टीम का गठन किया गया है. टीम को घर-घर जाकर ग्रामीण क्षेत्रों में संदिग्ध संक्रमित व्यक्ति की पहचान कर उसे उचित इलाज देना व होम आइसोलेशन में रह रहे संक्रमित व्यक्तियों को समय पर दवा देने की जिम्मेदारी दी गई है. वहीं बाहर से आए हुए लोगों की भी पहचान कर उन्हें चिन्हित करना है. जिसके लिए आरआरटी टीमों के साथ निगरानी समिति के लोगों को भी लगाया गया है. किस तरह से ग्रामीण क्षेत्रों में यह टीम काम कर रही है देखें खास रिपोर्ट.
उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरे देश में शहरों के बाद अब ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना वायरस संक्रमण ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आरआरटी टीम गठित की गई है जो ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर जाकर संदिग्ध संक्रमित व्यक्तियों की पहचान करेगी. साथ ही बाहर से आने वाले व्यक्तियों को भी चिन्हित किया जाएगा. जिन्हें जरूरत पड़ने पर क्वारंटाइन भी किया जाएगा.
ईटीवी भारत की टीम राजधानी के मोहनलालगंज विकासखंड के अंतर्गत आने वाले कई गांव पहुंची. जहां रहने वाले लोगों से आरआरटी टीम के बारे में बातचीत की तो उन्होंने कहा कि सरकार का यह बहुत ही अच्छा प्रयास है. जिससे गांव में कोरोना की रफ्तार को कम किया जा रहा है. बहुत से ऐसे लोग मिले जिन्होंने बताया कि आरआरटी टीम के द्वारा उनके घर का निरीक्षण किया गया. वहीं आसपास जो लोग संक्रमित थे. उन्हें दवाएं भी दी गई, लेकिन उसी गांव के अन्य लोगों से जब बात की गई तो उनका कहना है कि आरआरटी टीम भले ही गांव में लोगों के घर आई हो, लेकिन उनके घर तक नहीं पहुंची. सरकार के द्वारा जो यह प्रयास किया जा रहा है. उसमें इस बात को भी मॉनिटर किया जाना चाहिए कि बनाई गई आरआरटी कितना एक्टिव रहती है.