लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार आम जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के तमाम दावे कर रही है. इन दावों के बावजूद भी राजधानी लखनऊ के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को बेहतर सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. राजधानी लखनऊ के लोहिया अस्पताल में कोविड महामारी के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जा रहा है. यहां पर मरीजों को व्हीलचेयर व स्टेचर नहीं मिल पा रहा है. अव्यवस्थाओं का आलम यह है कि इलाज कराने पहुंचने वाले मरीजों ने कर्मचारियों द्वारा बार-बार दौड़ाने के आरोप लगाए हैं.
लोहिया अस्पताल का रियलिटी चेक. सोशल डिस्टेंसिंग का नहीं हो रहा पालन
ईटीवी भारत की टीम ने लोहिया अस्पताल के ओपीडी सेक्शन का रियलिटी चेक किया. रियलिटी चेक में यह बात निकलकर सामने आई कि लोहिया अस्पताल में कोविड-19 प्रोटोकोल का पालन नहीं किया जा रहा है. एंट्री पॉइंट पर कोई भी कर्मचारी तैनात नहीं है. यहां न ही लोगों को मास्क लगाने के लिए कहा जाता है और न ही एंट्री पॉइंट पर सैनिटाइजर उपलब्ध कराया जाता है. लोग भीड़ में एक साथ खड़े होकर डॉक्टर को दिखाने के लिए पर्चा बनवा रहे हैं, जो इस कोरोना काल में घातक साबित हो सकता है.
मरीजों को नहीं मिल रही व्हीलचेयर
लोहिया अस्पताल के ओपीडी सेक्शन में मरीजों को व्हीलचेयर व स्ट्रेचर उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं. जिसके चलते लोगों को अपने मरीजों को सहारा देकर डॉक्टर को दिखाना पड़ रहा है. अपनी मां का इलाज कराने आए देवेंद्र ने ईटीवी भारत से बताया कि उन्हें अपनी मां का चेकअप कराना था. व्हीलचेयर की आवश्यकता थी, लेकिन उन्हें व्हीलचेयर नहीं मिल पाई. इसके चलते उन्हें सहारा देकर अस्पताल में इधर से उधर ले जाना पड़ रहा है. देवेंद्र ने बताया कि अस्पताल में दवाइयां भी उपलब्ध नहीं होती हैं.
कर्मचारियों पर लगा जानकारी न देने का आरोप
लोहिया अस्पताल में इलाज कराने व चेकअप कराने पहुंचे मरीजों ने ईटीवी भारत को जानकारी देते हुए बताया कि जांच करवाने में घंटों का समय लगता है और यहां पर तैनात कर्मचारी ढंग से मरीजों से बात भी नहीं करते हैं. जब मरीज कर्मचारी से जानकारी लेने के लिए सवाल करते हैं तो उनसे अभद्रता की जाती है. पैथोलॉजी में जांच करवाने पहुंचे अंकित ने बताया कि घंटों दौड़ने के बाद लोगों को सुविधा मिलती है और यहां पर कर्मचारी मोबाइल में लगे रहते हैं.
घंटों लाइन में लगने के बाद मिलता है इलाज
लोहिया हॉस्पिटल में घंटों लाइन में लगने के बाद लोगों को इलाज मिल पाता है. लाइन में लगे हुए लोगों से जब बातचीत की गई तो लोगों ने कहा कि यहां पर अच्छे डॉक्टर हैं, इस वजह से इलाज कराने के लिए आते हैं. किसी का कहना था कि उन्हें लाइन में 2 से 3 घंटे लगना पड़ता है. किसी किसी का कहना था कि दिन भर मेहनत करने के बाद उन्हें इलाज मिल पाता है. तमाम व्यवस्थाओं के बावजूद भी लोगों ने लोहिया हॉस्पिटल के डॉक्टरों पर विश्वास जताया है. मरीजों ने कहा कि लोहिया अस्पताल में अच्छे डॉक्टर हैं, इसलिए वह लोहिया अस्पताल आते हैं. अव्यवस्थाओं से समस्याएं तो होती हैं, लेकिन हम कर भी क्या सकते हैं.
क्या कहते हैं जिम्मेदार
लोहिया हॉस्पिटल के डायरेक्टर एके सिंह ने बताया कि ओपीडी क्षेत्र में कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन कराने के लिए प्रभावी कार्रवाई की जा रही है. डॉक्टर को दिखाने आने वाले मरीजों को सुविधा मिले और कर्मचारी उनसे बेहतर तरीके से पेश आएं, इसको लेकर निर्देश जारी किए गए हैं. हमारा प्रयास रहता है कि हम मरीजों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराएं. ऐसे में जो लोग अव्यवस्था पैदा करेंगे, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.