लखनऊ: यूपी में कोरोना के खिलाफ गांव-गांव विशेष अभियान छेड़ा गया. इसमें संदिग्ध मरीजों की घर-घर तलाश कर टेस्ट किया गया. सरकार से लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने पूरी ताकत झोंक दी. यही नहीं, सरकारी सिस्टम व संस्था ने अभियान को अनोखा बताते हुए पीठ भी थपथपा डाली. मगर, जब जांच के आंकड़ों की पड़ताल की गई तो अभियान के दौरान किए गए कोरोना टेस्ट रूटीन में जुटाए जा रहे सैम्पल से भी कम निकले.
5 से 9 मई तक चला अभियान
राज्य में 5 मई को कोरोना के खिलाफ विशेष अभियान चलाया गया. यह अभियान 97 हजार राजस्व ग्रामों में चला. नौ मई तक चले अभियान में 97 हजार ग्राम समितियां व पांच हजार रैपिड रिस्पांस टीम की तैनाती का दावा किया गया. साथ ही डब्ल्यूएचओ ने भी वेबसाइट पर अभियान को अनोखा बताकर दुनिया भर में पीठ थपथपाई. आर्टिकल में लगी फोटो में डब्ल्यूएचओ की टीम को भी गांव स्तर पर भ्रमण करते दिखाया गया. ऐसे में इस वृहद अभियान की ईटीवी भारत ने पड़ताल की तो यह अभियान जांच टीम के दैनिक कामों से भी कम निकला. स्थिति यह है कि 30 अप्रैल से चार मई तक जहां पांच दिन में 12 लाख 67 हजार 661 टेस्ट हेल्थ टीम ने किए. वहीं गांवों में पांच दिन चले अभियान में 11 लाख 63 हजार 669 टेस्ट किए गए.
ये भी पढ़ें:प्रशासन की पोल खोलतीं लाशें, दफन करने के लिए नहीं बची जगह
चार लाख से ज्यादा संदिग्ध, 4500 में मिला कोरोना
अभियान में चार लाख से ज्यादा कोरोना के संदिग्ध मरीज मिले. इनमें बुखार, जुकाम, खांसी की दिक्कतें रहीं. इनका टेस्ट जारी है. वहीं 4500 में कोरोना की पुष्टि हुई.
अभियान से पहले कोरोना टेस्ट
माह | टेस्ट | मरीज | मौत |
30 अप्रैल | 2,66,316 | 34,626 | 332 |
1 मई | 2,66,326 | 30,317 | 303 |
2 मई | 2,97,021 | 30,983 | 290 |
3 मई | 2,29,440 | 29,192 | 288 |
4 मई | 2,08, 558 | 25,858 | 352 |
कुल दिन-5