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पर्याप्त हैं बेड तो आखिर क्यों इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे मरीज! - लोकबंधु अस्पताल

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर स्वास्थ्य मंत्री और अस्पताल प्रशासन यह दावा करते हैं कि अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटिलेटर और बेड पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं. वहीं सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि अगर अस्पतालों में तमाम सुविधाएं उपलब्ध है तो आखिरकार मरीज को भर्ती क्यों नहीं किया जा रहा है, क्यों वे इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे हैं. देखिए ये रिपोर्ट...

reality check of beds in hospitals of lucknow
लखनऊ में अस्पतालों में बेड की उपलब्धता.

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Published : May 17, 2021, 2:25 PM IST

लखनऊ: राजधानी में इन दिनों कोरोना वायरस के केस पहले से कम आ रहे हैं. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर भी लोगों को शक है. अगर अस्पतालों की बात करें तो सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, स्वास्थ्य मंत्री और अस्पताल प्रशासन यह दावा कर रहे हैं कि वर्तमान में अस्पताल में बेड खाली है. साथ ही अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर और वेंटिलेटर उपलब्ध है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यहां पर यही है कि अगर जिले के सभी अस्पतालों में तमाम चीजें उपलब्ध है, बेड खाली हैं तो आखिरकार मरीज को भर्ती क्यों नहीं किया जा रहा है. इलाज के अभाव में अस्पताल के बाहर मरीज दम तोड़ रहे हैं और अधिकारी बयान देते हैं कि अस्पतालों में बेड खाली है. लोकबंधु को रोजाना 200, बलरामपुर अस्पताल को 400 और आरएसएम अस्पताल को 40 ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत पड़ रही है.

जानकारी देतीं संवाददाता.

क्या है अस्पतालों की व्यवस्था
केजीएमयू प्रवक्ता डॉक्टर सुधीर सिंह बताते हैं कि वर्तमान में केजीएमयू अस्पताल में कुल 988 बेड उपलब्ध है जबकि जरूरत हजार की है. वहीं केजीएमयू यूनिवर्सिटी में अगर स्टाफ नर्स की बात करें तो कुल 284 नर्स है जिसमें से 141 का प्रमोशन कर दिया गया है, लेकिन अभी भी वह नर्स का ही काम कर रही हैं. इसके अलावा 1000 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी हैं. साथ ही स्वास्थ्य विभाग के नर्सिंग स्टाफ में 200 स्वास्थ्य कर्मचारी केजीएमयू में काम कर रहे हैं. लेकिन अभी भी केजीएमयू में स्वास्थ्य कर्मचारियों की कमी है जिसकी वजह से प्रमोट हुई नर्स को अभी तक नर्स का ही काम करना पड़ रहा है. ऑक्सीजन प्लांट होने की वजह से केजीएमयू में ऑक्सीजन की दिक्कत वर्तमान समय में नहीं है, लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण कुछ समय पहले केजीएमयू में भी ऑक्सीजन की किल्लत हुई थी.

यहां ऑक्सीजन की किल्लत बरकरार
केजीएमयू, लोहिया, पीजीआई अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट होने की वजह से ऑक्सीजन की कमी कम हुई, लेकिन शहर के अन्य अस्पताल सिविल, लोकबंधु, बलरामपुर और सहारा अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर की किल्लत अभी भी बरकरार है. सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ एसके नंदा बताते हैं कि अभी भी सिविल अस्पताल में सिर्फ 45 बेड पर ही ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध है जबकि पुरानी बिल्डिंग में बेड तो उपलब्ध है, लेकिन ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी होने के कारण दिक्कत होती है.

बलरामपुर में 300 बेड चिन्हित
कोरोना मरीजों के लिए बलरामपुर अस्पताल में 300 बेड चिन्हित है. बीते गुरुवार को प्रभारी अधिकारी डॉ रोशन जैकब की समीक्षा में पता चला कि इन सभी बेड पर पूरी क्षमता से इलाज के अलावा यहां 200 बेड की क्षमता बढ़ाने के लिए आईसीयू टेक्नीशियन, एनेस्थिटिस्टस, बाई पैप मशीन की जरूरत है. साथ ही अस्पताल को पूरी क्षमता से चलाने के लिए मैन पावर व उपकरणों की जरूरत है. ऑक्सीजन गैस पाइपलाइन भी यहां बदली जानी है. इसके लिए आवास विकास संस्था नामित है पर उसने काम शुरू नहीं किया. इस संबंध में स्वास्थ्य महानिदेशक से समन्वय करते हुए काम करने की जरूरत बताई गई. अस्पताल प्रशासन ने कोविड-19 में सहयोग के लिए आयुष चिकित्सकों की तैनाती की मांग की है. वहीं लोकबंधु अस्पताल में 100 बेड का पीडियाट्रिक आईसीयू बनाने की तैयारी है.

4 सीएचसी बनेंगे कोविड अस्पताल
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ देवेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि तीसरी लहर को लेकर काफी तैयारियां की जा रही है. इसी के तहत हर जिले में चार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को 50 बेड का कोविड-19 अस्पताल बनाया जाएगा. यहां भर्ती होने वाले सभी मरीजों को कंसंट्रेटर ऑक्सीजन की सप्लाई भी दी जाएगी.

तीसरी लहर को लेकर तैयारी
डॉ नेगी ने बताया कि कोरोना वायरस को लेकर स्वास्थ्य विभाग अपनी तैयारियां और संसाधन में इजाफा कर रहा है. वहीं दूसरी लहर में जिस तरह ऑक्सीजन की किल्लत देखने को मिली. उससे निपटने के लिए तीसरी लहर आने से पहले यूपी में 17 हजार 100 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर लगाए जाएंगे. वहीं इन्हें सभी जिलों में बेडों की संख्या के हिसाब से दिया जाएगा. जिन जिलों में संक्रमित मरीजों की संख्या ज्यादा होगी. वहां पर ज्यादा मात्रा में कंसंट्रेटर लगाए जाएंगे. उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में 4000 से ज्यादा ऑक्सीजन कंसंट्रेटर यूपी के अस्पतालों में लग चुके हैं.


कहां कितने बेड की जरूरत

अस्पताल वर्तमान में बेड कोविड बेड
केजीएमयू 4400 988
लोकबंधु 300 250
बलरामपुर 756 440
सिविल अस्पताल 170 45
लोहिया 1090 200

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