लखनऊ : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने बारहवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं के प्रमोशन का फार्मूला जारी कर दिया है. बोर्ड की तरफ से 30:30 और 40 का फार्मूला अपनाया गया है. दसवीं कक्षा में बच्चे के प्रदर्शन के आधार पर 30% अंक दिए जाएंगे. इसी प्रकार 11वीं कक्षा के 30% और बारहवीं कक्षा के 40% अंक होंगे. बोर्ड की तरफ से जारी किए गए इस फार्मूले को लेकर चिंता भी जताई गई है.
राजधानी लखनऊ के कई शिक्षाविदों और स्कूल प्रबंधन का कहना है कि मौजूदा हालातों में इससे बेहतर कोई विकल्प नहीं है. लेकिन, उनकी मानें तो इस फार्मूले से होनहार बच्चों का सही मूल्यांकन नहीं हो पाएगा.
स्कूलों के अनुसार ये परिस्थितियां प्रभावित कर सकती हैं मेधावी छात्रों के अंक -
- कक्षा 11 को आमतौर पर छात्र गम्भीरता से नहीं लेते हैं.
- कक्षा 12 की आधी से ज्यादा पढ़ाई ऑनलाइन हुई. तमाम ऐसे छात्र थे जो कमजोर कनेक्टिविटी की वजह से सही से नहीं पढ़ पाए.
- ऑनलाइन पढ़ाई बहुतों को ज्यादा रास नहीं आई. ऐसे में उनका प्रदर्शन भी गिरा है.
- कक्षा 12 के यूनिट टेस्ट और अर्द्धवार्षिक परीक्षा ऑनलाइन ही हुई, जिससे छात्रों का सही से परफॉर्मेंस नहीं आंका जा सका.
- प्री-बोर्ड परीक्षा में केवल पांच से सात प्रतिशत छात्र ही बेहतर प्रदर्शन कर पाए.
'निष्पक्ष और संतुलित मूल्यांकन नीति'
जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल के चेयरमैन सर्वेश गोयल का कहना है कि यह नीति निष्पक्ष और संतुलित है. वर्तमान परिस्थितियों में इससे बेहतर नहीं हो सकता. हालांकि, अंकों के टैब्यूलेशन को लेकर कुछ आशंकाएं हैं. कुछ छात्र आंतरिक मूल्यांकन में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए, यूनिट टेस्ट, अर्द्धवार्षिक और प्री-बोर्ड परीक्षा में उनका प्रदर्शन औसत रहा. लेकिन, पहली लहर के बाद छात्र बोर्ड परीक्षा के लिए काफी अच्छे से तैयार थे. वे शैक्षिक प्रदर्शन में हुई गिरावट की भरपाई कर सकते थे, लेकिन परीक्षा रद्द हो गयी.
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