लखनऊ: जिले में मजदूरों को राशन वितरण करने में बड़ी लापरवाही उजागर हुई है. टाटा मोटर्स के आसपास हजारों की संख्या में दूसरे जिलों और राज्यों से आकर मजदूर रहते हैं. लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद जिला प्रशासन के अधिकारियों ने ग्राम प्रधान से ऐसे मजदूरों की सूची मांगी थी जो गांव के निवासी नहीं है, जिनके पास राशन कार्ड की सुविधा नहीं है. दूसरे जिलों या राज्यों से आकर यहां रह रहे हैं जिन्हें राशन मुहैया कराया जाना जरूरी है.
लखनऊ: 550 मजदूरों की बनी सूची, फिर भी नहीं मिला राशन - मजदूरों को राशन वितरण
राजधानी लखनऊ स्थित टाटा मोटर्स के आसपास रहने वाले 550 मजदूरों की सूची जिला प्रशासन ने तैयार कराई, लेकिन 21 दिन का लॉकडाउन बीतने के बावजूद किसी भी मजदूर को राशन मुहैया नहीं कराया गया. मजदूरों की हालत देख कर ग्राम प्रधान धावां ने अपने स्तर से राशन वितरण किया.
मजदूर परिवार को नहीं हुआ राशन मुहैया
ग्राम प्रधान के अनुसार उन्होंने 550 ऐसे मजदूर परिवारों की सूची मोबाइल फोन नंबर के साथ लेखपाल और ग्राम पंचायत सचिव को उपलब्ध करवा दी, लेकिन 21 दिन का लॉकडाउन बीतने के बावजूद किसी भी मजदूर परिवार को राशन मुहैया नहीं कराया गया. ऐसे परिवारों के लोग ग्राम प्रधान के पास आकर उनसे राशन की मांग कर रहे हैं. ग्राम प्रधान ने बुधवार को दूसरी बार अपने स्तर से मजदूर परिवारों को राशन वितरण कराया है.
अधिकारियों ने बोला खत्म हो गई है योजना
इस बारे में ग्राम प्रधान ने जब लेखपाल और अन्य सरकारी अधिकारियों से बातचीत की तो उन्हें बताया गया कि अब इस तरह की योजना नहीं है. दूसरी और ज्यादातर मजदूर ऐसे हैं जो समझ रहे हैं कि ग्राम प्रधान को ही राशन का वितरण करना था. उनके जरूरत का राशन नहीं मिल रहा है इससे लोग परेशान भी हैं, लेकिन अपनी समस्या का खुलकर बता भी नहीं सकते. लोगों ने बताया कि वह किसी तरह बाजार से अनाज खरीद कर परिवार के सदस्यों को जिंदा रखे हुए हैं.