लखनऊ:उत्तर प्रदेश के स्थानीय नगर निकाय निदेशालय की तरफ से सभी निकायों को शिकायतों और समस्याओं को दूर करने के सख्त दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. अगर समस्याओं और शिकायतों के निस्तारण में नगर निकाय फिसड्डी साबित हुए तो उन पर न सिर्फ कार्रवाई होगी बल्कि रेटिंग भी इसी आधार पर तय होगी. उनकी जवाबदेही तय करके भविष्य में बजट आदि में कटौती भी होगी.
जनसमस्याओं को करना होगा दूर
निदेशलाय की तरफ से नगर निकायों के स्तर पर जनसमस्याओं के निस्तारण को लेकर कई बार हिदायत दी गई है. आम लोगों को मिल रही सुविधाओं में कहीं कोई समस्या आती है तो उसे जल्द से जल्द दूर किया जाए. जनता को बेहतर नगरीय सुविधाएं देने को लेकर राज्य सरकार संकल्पित है. ऐसी स्थिति में राज्य सरकार के नगर विकास विभाग की तरफ से निर्देश जारी किए गए और इन निर्देशों के आधार पर स्थानीय नगर निकाय निदेशालय की तरफ से सभी को 7 बिंदुओं पर बेहतर काम करने का टास्क दिया गया है.
नगर निकायों के कामों से तय होगी रेटिंग
स्थानीय नगर निकाय निदेशालय ने सभी निकायों को शिकायतों और समस्याओं को दूर करने के निर्देश दिए हैं. समस्याओं और शिकायतों का निस्तारण अगर नगर निकाय नहीं कर पाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी होगी.
सात बिंदुओं पर बेहतर काम करने का दिया गया है टास्क
संबंधित सात बिंदुओं पर समस्याओं और शिकायतों का निस्तारण ढंग से नहीं हुआ तो इसी आधार पर नगर निकायों की रेटिंग तय होगी. इसी रेटिंग के आधार पर शासन स्तर पर गठित कमेटी फैसला करके कार्रवाई की करेगी.
इन सात बिंदुओं पर रहेगा फोकस
भेजे गए निर्देशों में कहा गया है कि 7 बिंदुओं पर बेहतर कामकाज के आधार पर रेटिंग तय की जाएगी. इनमें समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली, आईजीआरएस पर दर्ज शिकायतों के निस्तारण को बेहतर करना, जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए जमा होने वाले आवेदन और उसके निस्तारण की स्थिति बतानी होगी. संपत्ति कर और मतवार की जाने वाली राजस्व वसूली की प्रगति, एलईडी में परिवर्तित स्ट्रीट लाइटों की प्रगति प्रतिशत में कान्हा गौशाला एवं बेसहारा पशु आश्रय योजना के क्रियान्वयन की स्थिति, राज्य सेक्टर की योजनाओं के लिए आवंटित धनराशि के खर्च करने की प्रगति व शहरी क्षेत्र में सफाई व कूड़ा निस्तारण के क्षेत्र में कामकाज की स्थिति पर मुख्य रूप से फोकस रहेगा.