लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में गर्भपात की मांग को लेकर याचिका दाखिल करने वाली दुराचार पीड़िता मेडिकल जांच में गर्भवती नहीं पाई गई है. इस पर न्यायालय ने पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट रिकॉर्ड पर लाने के आदेश दिये हैं. न्यायालय ने यह चेतावनी भी दी है कि यदि पीड़िता गर्भवती नहीं है और उसने झूठी याचिका दाखिल की है तो उसके खिलाफ विधि अनुसार कार्यवाही की जाएगी. यह आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति अजय कुमार श्रीवास्तव, प्रथम की खंडपीठ ने पीड़िता की याचिका पर दिया. मामले की सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने न्यायालय को जानकारी दी कि पिछले आदेश के अनुपालन में पीड़िता का चिकित्सकीय परीक्षण मेडिकल बोर्ड का गठन करके करवावा गया. लेकिन, जांच में पीड़िता को कोई गर्भ नहीं पाया गया है.
क्या है मामला