लखनऊ : मुसलमानों का पाक और मुकद्दस महीना रमज़ान बेहद नज़दीक है. इस पूरे महीने मुसलमान रोज़े रखकर अल्लाह की इबादत करते हैं. दिन में रोज़ा और रात में तरावीह की विशेष नमाज़ से घरों में बरकत और रहमत नाजिल होती है. बुधवार को देशभर के साथ उत्तर प्रदेश में भी चांद देखने का एहतीमाम किया जाएगा. चांद दिखने पर गुरुवार से रोजे शुरू हो जाएंगे. अगर चांद नज़र नहीं दिखा तो शुक्रवार से रोजे रखने का सिलसिला शुरू हो जाएगा.
कल देखा जाएगा माहे रमज़ान का चांद, बरकतों और रहमतों का है महीना
लखनऊ में मरकजी चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली के मुताबिक 22 मार्च को रमजान महीने का चांद देखा जाएगा. चांद नजर आने के बाद रात से ही तरावही का दौर शुरू हो जाएगा और पहला रोजा 23 मार्च से शुरू होगा. हालांकि अगर बुधवार को चांद का दीदार नहीं हो सका तो शुक्रवार से पहला रोजा होगा.
इस्लामिक मान्यता के अनुसार पवित्र महीने रमज़ान में ही कुरान शरीफ नाजिल हुआ था. इस महीने में रोज़े और नमाज़ के साथ ही कुरान की तिलावत बेहद अहम हो जाती है. उलमा बताते हैं कि रमज़ान महीना हर मुसलमान के लिए बेहद पाक और मुकद्दस है. इस महीने में ज़्यादा से ज्यादा वक्त इबादत में गुजारना चाहिए. हर मुसलमान पर रोज़े रखना फर्ज है. रमज़ान महीने की शुरुआत से पहले ही मस्जिदों और इबादतगाहों में रंग रोगन के साथ साफ सफाई के काम भी शुरू हो गए हैं. इस पवित्र महीने को सकुशल संपन्न कराने के लिए पुलिस प्रशासन ने भी पीस मीटिंग और रूट मार्च करना शुरू कर दिया है.
बुधवार को चांद नज़र नहीं आने पर शुक्रवार यानी जुमा से माहे रमज़ान की शुरुआत होगी. इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बताया कि इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया में मर्दों के साथ औरतों की भी तरावीह का विशेष इंतजाम अलग से किया गया है. इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया की रशीद बारादरी में औरतों को तरावीह की नमाज़ अदा कराई जाएगी. मौलाना ने कहा कि इस पाक महीने में अपने गुनाहों की माफी मांगकर अल्लाह को राज़ी किया जाए और मुल्क के साथ पूरी इंसानियत में अमन और भाईचारा बनाए रखने की विशेष दुआ भी करें. उन्होंन आमजन से रमजान के दिनों में शांति व्यवस्था में सहयोग करने के साथ अमन चैन से रहने की अपील की है.
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