उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

गिरवी रखे माल पर नहीं अदा करना है जकात - लखनऊ रमजान

रोजे और शरीयत से जुड़े हर सवालों के जवाब के लिए राजधानी लखनऊ में रमजान हेल्पलाइन चल रही है. जिसमें लोगों को इस्लाम से जुड़ें सवालों के जवाब मिल रहे हैं.

etv bharat
etv bharat

By

Published : May 6, 2021, 4:15 PM IST

लखनऊ:इस्लाम के पांच मूल स्तम्भों में से एक जकात को बताया गया है. जकात वह रकम है जो हर मुसलमान अपने माल की कीमत का 2.50 प्रतिशत गरीबों में दान करता है. जकात देना इस्लाम में जरूरी करार दिया गया है, लेकिन अगर किसी शख्स का माल गिरवी रखा है, तो उसपर जकात अदा करना वाजिब नहीं है. इस्लामी शरीयत में ऐसी स्तिथि में जकात नहीं अदा करने की छूट मिली है.

यह भी पढ़ें:जोन 6 के 16 अधिकारियों पर गिरी गाज, संस्था पर 3 लाख 30 हजार का जुर्माना



हेल्पलाइन से मिल रहे लोगों को सवालों के जवाब

पवित्र महीने रमजान में रोजे और शरीयत से जुड़े हर सवालों के जवाब के लिए राजधानी लखनऊ में रमजान हेल्पलाइन चल रही है. इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के उलेमा इस हेल्पलाइन में फोन और मेल के जरिए लोगों द्वारा शरीयत से जुड़े सवालों के जवाब दे रहें है और कोरोना महामारी के इस दौर में रोजे और इबादत को घर बैठे शरीयत के तहत अदा करने का भी रास्ता दिखा रहे हैं.

गिरवी माल पर नहीं अदा करना है जकात

इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया की हेल्पलाइन में एक शख्स ने पूछा कि मेरा जेवर किसी के पास गिरवी रखा है, ऐसे में क्या उस पर भी जकात वाजिब है. इस पर मौलाना मुश्ताक अहमद ने बताया कि गिरवी रखे हुए माल पर जकात नहीं अदा करना है. मौलाना मुश्ताक अहमद ने ईटीवी भारत को बताया कि इस्लाम में हर उस व्यक्ति पर जकात वाजिब करार दी गई है जो साढ़े सात तोला सोने की कीमत या उससे अधिक का माल रखता हो. जकात जेवर, पैसे और उन माल पर देनी है जो बेचा जाना हो. यानि रहने वाले घर, गाड़ी पर जकात नहीं है, लेकिन अगर जमीन बेचने के लिए खरीदी है तो उसका हर साल जकात अदा करना होगा. जकात माल की कीमत का 2.50 प्रतिशत है. यानि एक लाख रुपये पर ढाई हजार रुपये गरीबों और जरूरतमंदों को देना होगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details