लखनऊ:नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने लिखा है कि उत्तर प्रदेश में ध्वस्त कानून-व्यवस्था को देखते हुए प्रतिनिधिमंडल के साथ आपसे भेंट करना चाहता था, लेकिन कोविड-19 के कारण समय नहीं मिल सका. रामगोविंद चौधरी ने इस पत्र में राज्यपाल से तत्काल प्रदेश की बिगड़ती कानून-व्यवस्था को देखते हुए योगी सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है.
पत्र के माध्यम से नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं और बच्चियों के अपहरण, बलात्कार जैसे जघन्य अपराध निरंतर बढ़ते जा रहे हैं. लूट, हत्या, डकैती, अपहरण और फिरौती भी बेतहाशा बढ़ गए हैं. प्रदेश की जनता त्रस्त है. राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो के आंकड़े भी इसकी पुष्टि करते हैं. हर 15 मिनट में रेप की एक घटना हो रही है. एनसीआरबी-2019 की रिपोर्ट के अनुसार पूरे देश के आईपीसी अपराधों में 10.09 प्रतिशत अपराध उत्तर प्रदेश में हुए हैं. पूरे भारत में प्रथम स्थान उत्तर प्रदेश का है. एसएलएल अपराधों में पूरे भारत के अपराधों में 14.3 प्रतिशत अपराध उत्तर प्रदेश के हैं. कुल आईपीसी व एसएलएल को मिलाकर साल 2018 में 5 लाख 85 हजार 157 मामले थे. वहीं वर्ष 2019 में ये 6 लाख 28 हजार 578 हो गए, जो पूरे देश के अपराधों का 12.2 प्रतिशत है और प्रथम स्थान प्राप्त रहा है.
नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि महिलाओं के साथ आईपीसी और एसएलएल अपराध में वर्ष 2017 में 56,011, 2018 में 59,445, वर्ष 2019 में 59,853 आंकड़े रहे. पूरे देश में 14.7 प्रतिशत रहा, जिससे यूपी का इसमें भी प्रथम स्थान रहा है. न्यायालयों में आईपीसी अपराध वर्ष 2018 तक 9 लाख 30 हजार 337 केस ट्रायल के लिए पेंडिंग थे, जो वर्ष 2019 में बढ़कर 11 लाख 74 हजार 635 हो गए हैं. 2018 में ऐसे अपराध की संख्या 12 लाख 59 हजार 076 थी, जो 2019 में बढ़कर 11 लाख 74 हजार 635 हो गए हैं. वर्ष 2018 में एसएलएल अपराध 12 लाख 59 हजार 037 थे, जो 2019 में बढ़कर 15 लाख 04 हजार 393 हो गए हैं. उन्होंने कहा कि इन सब आंकड़ों के बावजूद भाजपा सरकार असत्य और भ्रामक बयानबाजी कर इसे झूठलाने का प्रयास करती है.