लखनऊः उत्तर प्रदेश विधानसभा में सोमवार को नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने बेरोजगारी का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि यह सरकार रोजगार देने में विफल है. इस पर सत्ता पक्ष की तरफ से मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने विपक्ष को ही कटघरे में खड़ा कर दिया. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में पांच सालों के दौरान बेरोजगारी भत्ता के नाम पर युवाओं को भटकाया गया. उस सरकार में नौकरी बेची जाती थी और हमारी सरकार में नौकरी देने का काम किया जा रहा है. इसी बात पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में नोकझोंक शुरू हो गई. विपक्ष के सदस्य सदन के भीतर हंगामा करने लगा. इसके चलते 15 मिनट के लिए विधानसभा स्थगित कर दी गई.
विपक्ष का बेरोजगारी पर सवाल. 45 साल में इतनी बेरोजगारी कभी नहीं
नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने सदन में सरकारी नौकरियों के रिक्त पदों पर भर्ती के मामले को उठाया. उन्होंने कहा कि सदन की कार्यवाही रोककर बेरोजगारी के मुद्दे पर चर्चा कराई जाए. उन्होंने कहा कि प्रदेश में पिछले 45 से 50 वर्षों के दौरान इतनी बड़ी बेरोजगारी कभी नहीं रही. युवा रोजगार पाने के लिए परेशान हैं.
अटकी हुई हैं नौकरियां
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अब बेरोजगारी के आंकड़े नहीं दिए जा रहे हैं. सरकार जो आइना दिखाए वही देखा जा सकता है. इसलिए सरकार ने आंकड़े देना बंद कर दिए हैं. भर्ती के लिए 2016-17 में जो विज्ञप्तियां हुई थी, वह आज तक नहीं हो सकी है. इस सरकार ने कहा था कि सरकारी नौकरियां में रिक्त सभी पद भरे जाएंगे, लेकिन अभी तक नहीं भरा जा सका है. एक आंकड़े के मुताबिक प्रदेश में करीब पांच लाख सरकारी पद खाली पड़े हैं. युवाओं को उनके अभिभावकों ने मजदूरी करके पढ़ाया, परिश्रम करके पढ़ाया, लेकिन अब वह युवा सरकार की तरफ नौकरी पाने के लिए सरकार की तरफ देख रहे हैं. नौकरी नहीं मिलने की स्थिति में वह आज एक बार फिर खेतों में काम करने, मजदूरी करने की तरफ मजबूर हो रहे हैं.
प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाने के लिए कितनी परीक्षा
रामगोविंद चौधरी ने कहा कि मैं मानता हूं कि सभी को सरकारी नौकरी नहीं मिल सकती है. बात है सरकार की मंशा की. इस सरकार में नौकरियां अटकाई जा रही है. सैकड़ों लोगों को जबरन रिटायर किया गया. उनके ऊपर आरोप हैं, सही हैं, गलत है, इसकी बात नहीं कहता. बात यह है कि वह नौकरी कर रहे थे. अब उनकी नौकरी नहीं है. प्राइमरी नौकरी पाने के लिए बीए, बीटीसी, टीईटी परीक्षा की व्यवस्था थी. अब इस सरकार ने सुपर टीईटी लाकर खड़ा कर दिया है. आईएएस, पीसीएस में दो परीक्षा होती है, लेकिन प्राइमरी में पढ़ाने के लिए कितनी परीक्षाएं कराई जाएंगी.
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कांग्रेस ने भी बेरोजगारी पर चर्चा की मांग उठाई
कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा या सरकार नौकरी देने में फेल है. युवा आंदोलन के माध्यम से जब सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने की कोशिश करते हैं तो उन्हें नौकरी देने के बजाय लाठी डंडा मिलता है. यह सरकार नौजवानों को जेल भेजने का काम कर रही है. उनके खिलाफ मुकदमें लिखने का काम कर रही है. 69,000 सहायक अध्यापकों की भर्ती में घोटाला सामने आया है. नौकरी नहीं मिलने की वजह से तमाम नौजवानों ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी. रोजगार के नाम पर इस सरकार ने नौजवानों को छलने का काम किया है. इसलिए सदन की कार्यवाही को रोककर के बेरोजगारी पर चर्चा कर लिया जाए क्योंकि यह नौजवानों के भविष्य से जुड़ा हुआ मामला है. इस सरकार में भर्ती परीक्षा के पेपर आउट हो जा रहे हैं.
सरकार ने दिया जवाब
सरकार की तरफ से स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष और नेता कांग्रेस ने बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार के ऊपर बहुत ही पर यह आरोप लगाए या पारदर्शी सरकार है. हम नौकरी देते हैं भेजते नहीं हैं. लोक सेवा आयोग उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग रेल भर्ती बोर्ड या अन्य सभी संस्थाएं जो संवैधानिक रूप से परीक्षा कराने के लिए अनुमन्य है. उसका सरकार से कोई संबंध नहीं है. पारदर्शिता के साथ वह अपने काम करने के लिए स्वतंत्र हैं. जब यह लोग इस तरह बैठते थे तो लोक सेवा आयोग लगातार पांच साल तक विवादों में रहा, जिस लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष को इन लोगों ने बनाया था भ्रष्टाचार के आरोप में इन्हीं लोगों ने उस लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष को हटाया भी था. ग्राम विकास अधिकारी पुलिस, फार्मासिस्ट, सहायक लेखाकार, गन्ना पर्यवेक्षक समेत अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से कुल 17 हजार 673 लोगों का चयन हुआ है.
पूर्ववर्ती सरकार में पांच साल तक बेरोजगारी भत्ता देने के नाम पर युवाओं को भटकाते रहे. उन्हें रोजगार नहीं दिया. पांच साल में समाजवादी पार्टी की सरकार में एक लाख 69 हजार सरकारी नौकरियां दी गई थी. हमारी सरकार में तीन साल 11 महीने में चार लाख 25 हजार सरकारी नौकरियां दी गई हैं. हमारी सरकार में संविदा पर 26995 है. निजी क्षेत्रों में 19 लाख 14 हजार 297 लोगों को नौकरियां दी गईं. कुल मिलाकर 30 लाख 2 हजार 253 लोगों को रोजगार दिया है.
कांग्रेस का बहिर्गमन
स्वामी प्रसाद मौर्य के जवाब से असंतुष्ट होकर नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि मंत्री जी निराधार बात कर रहे हैं. इसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष नोकझोंक शुरू हो गई. विपक्ष ने हंगामा शुरू किया. इसके चलते विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया. वहीं कांग्रेस ने सदन से बहिर्गमन किया.