लखनऊः रामगोविंद चौधरी ने कहा कि वित्त मंत्री ने पेपरलेस ही बजट नहीं पेश किया, बल्कि यह बजट नौकरी लेस, रोजगार लेस भी है. इस बजट में किसान, बेरोजगार और युवाओं को देने के लिए कुछ भी नहीं है. चौधरी ने कहा कि इस सरकार का बजट का घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है. अगर आपके पास पैसे नहीं होंगे तो विकास का कार्य कैसे होगा. सड़क का निर्माण, अस्पताल का निर्माण, शिक्षा व्यवस्था को सरकार कैसे सुदृढ़ करेंगे. ऋण बढ़ रहा है, यह बजट अंधकार में डूबने जा रहा है.
सरकार केवल ढिंढोरा पीट रही
नेता प्रतिपक्ष ने कहा जनता का विकास नहीं हो रहा है. सब लोग परेशान हैं. चौधरी ने मानस की चौपाई सुनाते हुए कहा यह सरकार ढिंढोरा पिटती है. देखने वाले देखते हैं कि बहुत कुछ मिल रहा है. पाने वाले कुछ नहीं पाते. उन्होंने कहा कि भगवान राम की घण्टी बजाकर आरती करने और चंदा मांगने से नहीं होगा, भगवान राम का गुण अपनाना होगा.
महंगाई पर सरकार को घेरा
नेता प्रतिपक्ष ने सदन में बढ़ती महंगाई का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा खाद्य पदार्थों में भारी महंगाई देखने को मिल रही है. तेल, दालें, चीनी, सब महंगा हो गया है. यह सरकार गांव को और गरीब बना रही है. किसान मारे जा रहे हैं. कॉरपोरेट घरानों पर कभी बिजली का छापा पड़ा क्या. छापा इसलिए नहीं पड़ा क्योंकि कॉरपोरेट घराने को और अधिक मालदार बनाना है. गरीब को और गरीब बनाने की इस सरकार की योजना है.
रामगोविंद चौधरी ने कहा कि पिछले चार सालों में सरकार ने कोई भी बिजली की यूनिट नहीं लगवाई है. अखिलेश यादव सरकार में बिजली की यूनिट लगवाई गई है. प्रदेश में पूर्व से जो व्यवस्था थी, उसी के तहत बिजली दी जा रही है. यह सरकार केवल ढिंढोरा पिटती है कि इसने व्यवस्था ठीक कर दी है.
भाजपा सरकार में किसान बेहाल
सरकार धान खरीद को लेकर छाती पीट रही है. सच इसके उलट है. किसान क्रय केंद्रों का चक्कर काटते रहे. उनका धान नहीं खरीदा गया. केवल उन लोगों का कुछ धान खरीदा गया जो लोग दबंग हैं. गन्ना के मूल्य में एक रुपये भी इस सरकार ने बढ़ोतरी नहीं की है. एक रिपोर्ट के अनुसार गन्ना की लागत मूल्य 297 रुपये प्रति क्विंटल आ रही है. सरकार को कम से कम 400 रुपये प्रति क्विंटल करना चाहिए. सरकार कहती है कि गन्ने का भुगतान पिछली सरकार से अधिक कर दिया है. अधिक पैदावार हुई तो अधिक पैसा देना ही पड़ेगा. सरकार यह क्यों नहीं कहती कि शतप्रतिशत भुगतान कर दिया गया है. किसान की आय दोगुना करने की सरकार की घोषणा का क्या हुआ. ऐसे बढ़ेगी आय. देश में 45 वर्षों में इस समय सबसे अधिक बेरोजगारी है.