लखनऊ: राजधानी लखनऊ में अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर ह्यूमन राइट्स मानिटरिंग और वादा फाउंडेशन ने संयुक्त रूप जागरूकता कार्यक्रम व रैली निकाली. लेबर ऑफिस से चारबाग तक रैली निकाल कर लोगों को मानवाधिकार के बारे में जागरूग किया गया. अभियान के प्रभारी अमित मिश्रा ने कहा कि सभी को बिना भेदभाव के जीने का अधिकारी होना चाहिए.
अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर मानव अधिकारों के प्रति किया जागरूक
राजधानी लखनऊ में अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. रैली निकालकर लोगों को मानवाधिकार के बारे में बताया गया.
इस अवसर संस्था के निदेशक एवं अभियान प्रभारी ने मानव अधिकार में सम्मिलित गरिमा की सुरक्षा का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, मजदूरों का अधिकार, भूमि का अधिकार, वस्त्र का अधिकार, भोजन एवं दवा के अधिकार, उत्पीड़न से बचाव और मुफ्त विधिक सहायता के अधिकार बारे में विस्तार से जानकारी दी.
बिना भेदभाव के मिले अधिकार
कार्यक्रम में उपस्थित लोगों संबोधित करने हुए उन्होंने कहा कि मानवाधिकार यह सुनिश्चित करता है कि हर व्यक्ति को भोजन मिले. सभी अधिकारों में मानव के भोजन के अधिकार को प्रमुखता से रखा गया है. हम सरकार से अपील करते है कि देश में संविधान के अनुसार बिना किसी भेदभाव के समान अधिकार एवं समान अवसर उपलब्ध कराए जाएं. एचआरएमएफ के सदस्य सुरेश भारती ने कहा कि मानव अधिकारों को पहचान देने,मानवाधिकारों को अस्तित्व में लाने और मानवाधिकारों के लिए जारी हर लड़ाई को ताकत देने के लिए हर साल 10 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है.
सरकार चलाए जागरूकता अभियान
सुरेश भारती ने कहा कि मानवता के खिलाफ हो रहे जुल्म को रोकने में मानवाधिकारी का बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है. उन्होंने कहा कि आज पूरे विश्व में मानवाधिकारों का हनन हो रहा है. इसका प्रमुख कारण मानव अधिकारों के प्रति अनभिज्ञ होना है. सरकार को चाहिए कि मानवाधिकारों के प्रति जागरूकता अभियान चलाए. संयुक्त राष्ट्र महासभा में अंतर्राष्ट्रीय मानवधिकार दिवस की 10 दिसंबर 1948 की घोषण की थी. यह एक सार्वभौमिक घोषणा पत्र है, जो मानव अधिकारों के प्रति लड़ाई लड़ता है.