लखनऊ: उत्तर प्रदेश की नदियों में इन दिनों बाढ़ आई हुई है. सभी नदियां अपनी जल वहन क्षमता से कई गुना ज्यादा पानी लेकर बह रही हैं. इसकी वजह पड़ोसी राज्यों में हुई भारी बरसात है. पूर्वी उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में बाढ़ ने सबसे ज्यादा कहर बरपाया है और अगले 24 घंटे तक बलिया में अभी पानी का जलस्तर बढ़ता ही रहेगा. शुक्रवार शाम से जलस्तर कम होने की उम्मीद की जा रही है.
पड़ोसी राज्यों से आई है यूपी में बाढ़, 24 घंटे बाद कम होगा प्रकोप
यूपी में इन दिनों बारिश और बाढ़ ने कई जिलों में लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. दरअसल पड़ोसी राज्यों में हो रही भारी बारिश का असर यूपी की नदियों में है क्योंकि प्रदेश की इन नदियों में कई राज्यों की नदियों का पानी छोड़ा गया है.
ए के सिंह, इंजीनियर इन चीफ सिंचाई
यूपी में बारिश और बाढ़ ने मचाई तबाही
- उत्तर प्रदेश यानी गंगा-यमुना का बेसिन, इस जमीन का इस्तेमाल पड़ोसी राज्यों की नदियों के संगम के तौर पर होता है.
- गंगा यमुना के बेसिन में सैकड़ों छोटी बड़ी नदियां आकर मिलती हैं.
- हरियाणा, राजस्थान ,मध्य प्रदेश के अलावा नेपाल और उत्तराखंड से छोटी-छोटी नदियां भी गंगा और यमुना में मिलती हैं.
- क्षमता से ज्यादा पानी लेकर आ रही इन नदियों की वजह से गंगा और यमुना भी विकराल हो चली हैं और इसका सीधा दुष्प्रभाव उत्तर प्रदेश के जिलों में है.
- यमुना नदी में हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान से आने वाली कई नदियां मिलती हैं.
- राजस्थान की चंबल नदी से पिछले दिनों यमुना में 22 लाख क्यूसेक पानी पहुंचा है और यही प्रयागराज से लेकर बलिया तक कहर बरपा रहा है.
- चंबल नदी राजस्थान धौलपुर में 13.6 1 लाख क्यूसेक के स्तर पर बह रही है तो आगरा के पिनाहट में खतरे के निशान से 4.4 मीटर ऊपर बह रही है.
- प्रयागराज में यमुना नदी खतरे के निशान से आधा मीटर ऊपर बह रही है.
- इटावा में यमुना का पानी स्थिर हो रहा है जबकि बलिया में गंगा खतरे के निशान से 1.9 मीटर ऊपर बह रही है.
- अगले 24 घंटे में उम्मीद की जा रही है कि बलिया में पानी का स्तर पर स्थिर हो जाएगा.
- घाघरा नदी गोंडा के एल्गिन बांध पर खतरे के निशान से 18 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. घाघरा में पानी का बहाव दो लाख क्यूसेक है.
चंबल नदी में पानी घटने लगा है. लेकिन इसका असर बलिया तक पहुंचने में वक्त लगेगा. प्रयागराज में अगले 12 से 24 घंटे के अंदर पानी का स्तर कम हो जाएगा और इसके बाद बलिया में भी बाढ़ का पानी घटने लगेगा. महाराजगंज में बुधवार को सुबह दो घंटे के दौरान 55 मिलीमीटर बारिश हुई है. 24 घंटे के दौरान उत्तर प्रदेश में 232 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है यह भी अपने आप में रिकॉर्ड है.
-ए के सिंह, इंजीनियर इन चीफ सिंचाई