लखनऊ:जिस तरह आज के दौर में बिजली के अभाव में मानव जीवन की कल्पना लगभग असंभव है उसी प्रकार रेल परिवहन सेवा प्रणाली भी बिजली के बगैर असंभव है. बिजली भारतीय रेल सेवा की धुरी है और बिजली की उपयोगिता, अनिवार्यता व प्राथमिकता सर्वोच्च स्थान पर है. कोरोना जैसी महामारी में उत्तर रेलवे मंडल का विद्युत विभाग बेहतरीन तरीके से अपने काम को अंजाम दे रहा है.
रेलवे का विद्युत विभाग अस्पतालों को दे रहा बिजली
वर्तमान महामारी को ध्यान में रखते हुए मंडल द्वारा चिकित्सा क्षेत्र में की जाने वाली व्यवस्थाओं के तहत विद्युत विभाग ने मंडल चिकित्सालय सहित पूरे मंडल पर स्थित अन्य चिकित्सा ईकाईयों में जरूरी सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए अनेक वैकल्पिक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की हैं, जिससे चिकित्सा उपकरणों, संयंत्रों, कार्यालयों को आवश्यक ऊर्जा उपलब्ध कराई जा सके. साथ ही नवनिर्मित आइसोलेशन कोच में भी बिजली की पर्याप्त व्यवस्था, चार्जिंग पॉइंट्स, चिकित्सा उपकरणों को संचालित करने के लिए विद्युत आपूर्ति के अनेक प्वाइंट्स बनाए गए हैं.
उत्तर रेलवे के सीनियर डीसीएम जगतोष शुक्ला का कहना है कि यात्री सेवाओं पर विराम है, लेकिन आवागमन करने वाली मालगाड़ियों व विशेष पार्सल ट्रेनों के परिचालन के लिए विद्युत विभाग लगातार विद्युत आपूर्ति कर रहा है. ट्रेनों के सुगम और संरक्षित संचालन को ध्यान में रखते हुए कलरलाईट सिग्नलिंग प्रणाली, पैनलों में विद्युत आपूर्ति को निरंतरता से उपलब्ध कराकर इसकी गहनता से निगरानी भी की जा रही है. जिससे ये ट्रेनें निर्बाध गति से अनवरत संचालित होती रहें. ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में विभाग द्वारा वर्तमान में यात्री सेवाओं पर विराम के चलते प्रयोग में न आने वाले मंडल के कार्यालयों, स्थलों, परिसरों में विद्युत आपूर्ति को न्यूनतम कर दिया गया है और आपातकालीन विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था और अधिक सुदृढ़ की गई है. हाई मास्ट एवं ऊर्जा दक्ष लाइटों के अधिकाधिक प्रयोग पर बल दिया जा रहा है, साथ ही उच्च दक्षता को बढ़ाने के कार्य की दिशा में भी निरंतर प्रयास चल रहे है.