लखनऊ : केंद्रीय विभागों के करीब 72 लाख पेंशनर्स की कई मांगें अब तक लंबित हैं. वित्त मंत्रालय के स्तर पर इनका समाधान नहीं हो पा रहा है. केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए अब उत्तर प्रदेश समेत तमाम राज्यों के पेंशनर्स 18 नवंबर को नई दिल्ली में जुटेंगे. यहां पर बड़ा सम्मेलन आयोजित किया जाएगा. यह जानकारी पूर्वोत्तर रेलवे पेंशनर्स एसोसिएशन की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में मंडल मंत्री एनए खान ने दी है. उन्होंने बताया कि कई मांगों को लेकर पेंशनर्स की समस्या का पेंशन विभाग की तरफ से निस्तारण करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्रालय को भेजा गया है, लेकिन वित्त मंत्रालय उन पर फैसला ही नहीं ले रह रहा है जिससे बुजुर्ग पेंशनर्स को बड़ी समस्या हो रही है.
पूर्वोत्तर रेलवे पेंशनर्स एसोसिएशन के मंडल मंत्री एनए खान ने बताया कि 31 दिसंबर और 30 जून को सेवानिवृत कर्मचारियों को एक जनवरी या एक जुलाई का इंक्रीमेंट और इस पर आधारित ग्रेच्युटी लीव, इंकैशमेंट, डीए, पे कमीशन का लाभ दिया जाए. इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय हो चुका है. आयु आधारित 80 वर्ष पूरा होने पर 20% पेंशन वृद्धि का लाभ 80 वर्ष शुरू होने की तिथि से ही दिया जाए, क्योंकि इस पर भी गुवाहाटी हाई कोर्ट का निर्णय हो चुका है. 80 वर्ष पर 20% पेंशन वृद्धि का लाभ दिए जाने से पहले 65 वर्ष पर पांच परसेंट 70 पर 10% और 75 वर्ष पर 15% किया जाए. तेलंगाना राज्य ऐसा कर भी चुका है और अन्य राज्य कर भी रहे हैं. उन्होंने कहा कि कमयूटेड पेंशनराशि का रेस्टोरेशन वर्तमान 15 साल के बजाय 12 साल पर किया जाए, क्योंकि सरकार इसकी भरपाई 10 साल पर ही कर लेती है. अगर दो वर्ष मार्जिन भी रखा जाए तो भी यह 12 साल पर होना ही चाहिए. नियत चिकित्सा भत्ता बढ़ाकर ₹3000 प्रतिमाह किया जाए.