लखनऊ : उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने विभागाध्यक्षों और मंडल रेल प्रबंधकों के साथ उत्तर रेलवे के कार्यों की प्रगति की समीक्षा की. बैठक में अन्य विषयों के साथ-साथ प्लेटफॉर्मों का विस्तार, प्लेटफॉर्मों की सतह का ऊंचा करने, वाॅशेबल एप्रन, दूसरे प्रवेशद्वार का प्रावधान, फुट ओवरब्रिज, एस्केलेटरों, लिफ्टों, पंखों, पेयजल, लाइटिंग, यात्री उद्घोषणा प्रणाली, दिव्यांगजनों के लिए शौचालय, मुख्य द्वार सहित स्टेशन भवन का सुधार जैसी यात्री सुविधाएं स्टेशनों पर उपलब्ध कराने जैसे विषयों पर चर्चा की. इसके अलावा उन्होंने बताया कि उत्तर रेलवे ने स्क्रेप की बिक्री से 483 करोड़ रुपये की आय की है.
उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक ट्रेनों की समयपालनबद्धता के बेहतर रिकॉर्ड के बनाए रखने और गतिशीलता वृद्धि से जुडे़ कार्यों की प्रगति जांचने के लिए चलाए गए अभियानों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने जोन पर रेलपथों, वैल्डों के अनुरक्षण मानकों को बेहतर बनाने और रेल पथों के निकट पडे स्क्रैप को हटाने के कार्य की समीक्षा भी की. उन्होंने बताया कि पांच जनवरी से 11 जनवरी की अवधि के बीच उत्तर रेलवे ने 1261 क्रेक ट्रेनों का परिचालन किया.
Railway earnings increased : कबाड़ से भर गया रेलवे का खजाना, उत्तर रेलवे ने कमाए 483 करोड़ - उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक
उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने रेलवे में किए जा रहे विकास कार्यों की समीक्षा के दौरान सेवाओं को और बेहतर बनाने के दिशा निर्देश अधिकारियों को दिए हैं. उस दौरान उन्होंने कबाड़ बिक्री से रेलवे को हुए लाभ (Railway earnings increased) की जानकारी भी साझा की.
महाप्रबंधक ने रेल परिचालन में मानवीय असफलताओं को कम करने और रेल दरारों और रेल वेल्डों की गहन निगरानी करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि इन कामों में कोई त्रुटि नहीं होनी चाहिए. महाप्रबंधक ने रेलपथों के किनारों पर उगी झाड़ियों को हटाने और पेड़ों की छंटाई करने के कार्यों का जायज़ा लिया. उन्होंने जोन पर ट्रेनों की गति सीमा बढ़ाने पर भी जोर दिया. फ्रेट बिजनेस डेवलपमेंट पर बोलते हुए महाप्रबंधक ने कहा कि बिजनेस डेवलपमेंट यूनिटों के साथ परस्पर सम्पर्क बनाए रखना चाहिए. उन्होंने निर्देश दिए कि बीडीयू को ग्राहकों के बीच भरोसे, सहयोग और आत्मविश्वास का माहौल बनाए रखना चाहिए. यह भी बताया कि हर गुजरते माह के साथ खाद्यान्न और अन्य मदों के लदान में वृद्धि हुई है.
यह भी पढ़ें : Deputaion of IPS in UP : आखिर किन IPS अधिकारियों को निशाना बना रहे हैं अखिलेश?