लखनऊ: सिग्नलिंग रेलवे का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है. इससे जुड़े काम की नियमित मॉनिटरिंग होनी चाहिए. इसमें किसी भी तरह की लापरवाही भारी पड़ सकती है. कर्मचारियों को अपने काम में शॉर्टकट (Railway banned Signal System bypass) नहीं लेना चाहिए. उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के डीआरएम सुरेश कुमार सपरा ने यह बातें गुरुवार को डीआरएम कार्यालय में आयोजित संरक्षा संबंधी बैठक में कहीं.
डीआरएम कार्यालय में हुई बैठक उन्होंने संरक्षा से जुड़े कर्मचारियों और अधिकारियों से बात की. साथ ही उनकी समस्याओं और सुझावों को भी सुना. डीआरएम एसके सपरा ने कहा कि संरक्षा के लिए नियमित मेंटीनेंस बेहद जरूरी है. अगर मेंटीनेंस करना है, तो ब्लॉक या डिस्कनेक्शन होना कभी भी बाधा नहीं होता. रिकनेक्शन कार्य को पूरी तरह से संतुष्ट होने पर ही फिटनेस दिया जाए. डीआरएम ने कहा कि उपकरणों का रख-रखाव और उनकी कार्यदक्षता शत प्रतिशत होनी चाहिए. सिग्नलिंग संयंत्रों में किसी भी तरह की कमी पाए जाने पर उसे तत्काल दूर करें.
बालासोर ट्रेन हादसे के बाद जागा रेलवे: बता दें कि जो रेलवे साल 2018 में हरचंदपुर में न्यू फरक्का एक्सप्रेस हादसे के बाद नहीं चेता था, उसने बालासोर ट्रेन हादसे (Balasore Train Accident) के बाद आखिर सिग्नल सिस्टम को बाईपास करने पर प्रतिबंध लगा दिया है. अब तय संरक्षा मानकों के तहत सिग्नल मेंटनेंस से जुड़े काम किए जाएंगे. आटोमेटिक इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिंग वाले सेक्शन के रिले रूम में किसी भी तरह की खराबी को दूर करने के लिए अब ब्लाक लेकर ट्रेनों का संचालन रोका जाएगा.
ट्रेनों में स्वच्छता प्रहरी तैनात होंगे: पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल ने कपड़ों से कर्मचारियों की पहचान की सुविधा को 22537 कुशीनगर एक्सप्रेस, 12511 राप्तीसागर एक्सप्रेस और 12533 पुष्पक एक्सप्रेस में भी लागू कर दिया है. स्वच्छता प्रहरी के रूप में तैनात कर्मचारी सफाई और लिनेन वितरण का कार्य करेंगे. सफाई से जुड़े कर्मचारी नीले रंग और लिनेन वितरण करने वाले कर्मियों को नारंगी रंग का रेट्रो रिफ्लेक्टिव जैकेट दिया गया है.
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