लखनऊ : रेडिएशन जैसे सीटी स्कैन का क्या असर पड़ता है और इससे हमारे डीएनए में क्या परिवर्तन होता है, जिससे कैंसर होने की संभावना (CT Scan Radiation cause Cancer) बढ़ जाती है. इस बात की जानकारी आम पब्लिक को जरूर पता होनी चाहिए. एक सिटी स्कैन, 100 एक्स-रे के बराबर होता है. इसके जरिए जो रेडिएशन निकलता है उससे कैंसर होने का खतरा बना रहता है. यह बातें बुधवार को डॉ. नुजहत हुसैन ने कहीं. किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के साइटोजेनेटिक्स लैब सेंटर फॉर एडवांस रिसर्च द्वारा आयोजित की जा रही पांच दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस एवं वर्कशॉप के दूसरे दिन आज कई प्रकार के ब्लड कैंसर के बारे में जानकारी दी. लोहिया संस्थान की डॉ नुजहत हुसैन ने बताया कि रेडियेशन से कैसे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.
CT Scan Radiation cause Cancer: सीटी स्कैन के रेडिएशन से कैंसर होने का खतरा
CT Scan Radiation cause Cancer: सीटी स्कैन के रेडिएशन से कैंसर की संभावना बढ़ती है. यह बात लखनऊ में पांच दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस एवं वर्कशॉप के दूसरे दिन लोहिया संस्थान की डॉ नुजहत हुसैन ने कही.
वक्ताओं ने कैंसर के कारण और उसकी डायग्नोसिस के लिए आयी लेटेस्ट टेक्नीक जैसी जानकारियों को साझा किया. कार्यक्रम में अन्य आमंत्रित वक्ताओं के साथ केजीएमयू की रजिस्ट्रार रेखा एस चौहान ने भी हिस्सा लिया. केजीएमयू के कुलपति ले.ज. डॉ बिपिन पुरी एवं सेंटर फॉर एडवांस रिसर्च की प्रोफेसर डॉ अमिता जैन के मार्गदर्शन में आयोजित इस अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस एवं वर्कशॉप का संचालन कर रहीं सेंटर फॉर एडवांस रिसर्च की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ नीतू निगम ने यह जानकारी देते हुए बताया कि दूसरे दिन के वक्ताओं में डॉ कौशिक मंडल, प्रोफेसर डिपार्टमेंट ऑफ मेडिकल जेनेटिक्स एसजीपीजीआई लखनऊ, डॉ नुजहत हुसैन विभागाध्यक्ष डिपार्टमेंट ऑफ पैथोलॉजी, डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ, डॉ निशा सिंह प्रोफेसर डिपार्टमेंट ऑफ गायनेकोलॉजी केजीएमयू लखनऊ, डॉ प्रीति अग्रवाल एडिशनल प्रोफेसर डिपार्टमेंट ऑफ पैथोलॉजी केजीएमयू लखनऊ, डॉ एस पी वर्मा एडिशनल प्रोफेसर डिपार्टमेंट ऑफ हेमेटोलॉजी केजीएमयू लखनऊ एवं डॉ स्वस्ति सिन्हा सहायक प्रोफेसर, डिपार्टमेंट ऑफ हेमेटोलॉजी केजीएमयू लखनऊ रहीं.
डॉ नुजहत हुसैन ने बताया कि रेडिएशन जैसे सीटी स्कैन का क्या असर पड़ता है और इससे हमारे डीएनए में क्या परिवर्तन होता है जिससे कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है. डॉ. कौशिक मंडल ने साइटोजेनेटिक्स में नई तकनीक एमएलपीए के बारे में बताया कि किस प्रकार वह कैंसर और अनुवांशिक रोग का निदान कर सकता है. डॉ निशा सिंह ने ओवेरियन कैंसर लिंच सिंड्रोम के बारे में बताया कि इसमें किस तरह जीन का रोल है. इसी प्रकार डॉ. प्रीति अग्रवाल ने नई तकनीक फिश fluorescence in situ hybridization का सॉलिड ट्यूमर के निदान में क्या योगदान है, के बारे में जानकारी दी. डॉ. एसपी वर्मा ने ब्लड कैंसर क्रोनिक माइलोजेनस ल्यूकेमिया के विषय में जानकारी दी एवं ब्लड और बोन मैरो में होने वाले कैंसर क्रॉनिक लिंफोसाईटिक ल्यूकेमिया के बारे में विस्तार से बताया. डॉ स्वस्ति सिन्हा ने स्टेमसेल में हुई गुणसूत्र में विकृति के कारण होने वाले कैंसर फिलाडेल्फिया क्रोमोजोम के बारे में विस्तार से बताया.