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Lucknow University : परीक्षा केंद्रों पर देरी से पुहंचा प्रश्न पत्र, सौंपा ज्ञापन, जानिए वजह

लखनऊ विश्वविद्यालय में एक हफ्ते में लगातार दूसरी बार समय से केंद्रों पर प्रश्न पत्र नहीं पहुंचने की शिकायतें आ रही हैं. जिसके बाद शनिवार को एनएसयूआई ने परीक्षा नियंत्रक को ज्ञापन सौंपा.

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Published : Mar 18, 2023, 10:51 PM IST

लखनऊ : 'ए डबल प्लस प्लस' नैक ग्रेड वाले लखनऊ विश्वविद्यालय का परीक्षा सिस्टम पूरी तरह से बेपटरी से हुआ पड़ा है. विश्वविद्यालय में एक हफ्ते में लगातार दूसरी बार समय से केंद्रों पर प्रश्न पत्र नहीं पहुंचने का मामला सामने आया है. इसको लेकर एनएसयूआई ने परीक्षा नियंत्रक को शनिवार को ज्ञापन सौंपा. साथ ही परीक्षा व्यवस्था को सही करने की मांग की है. शनिवार को लखनऊ विश्वविद्यालय सहित सभी परीक्षा केंद्रों में को करिकुलर सब्जेक्ट का परीक्षा होनी थी, लेकिन लखनऊ विश्वविद्यालय, केकेसी सहित कई परीक्षा केंद्रों पर करीब 45 मिनट की देरी से प्रश्नपत्र पहुंचा. ज्ञात हो कि इसे पहले बीते मंगलवार को पूरा परीक्षा सिस्टम एक तरह से फेल हो गया था. परीक्षा केन्द्रों पर समय से प्रश्नपत्र ही नहीं पहुंच पाए थे. लिहाजा विश्वविद्यालय परिसर से लेकर लखनऊ, लखीमपुर, सीतापुर, हरदोई और रायबरेली के परीक्षा केन्द्रों पर जमकर अफरा तफरी फैल गई थी. छात्र-छात्राएं परीक्षा के लिए भटकते रहे और करीब दो घंटे तक प्रश्न पत्रों का कहीं अता पता नहीं था. लविवि परिसर के कंडक्ट हाल में तो हंगामे की स्थिति रही, फिर प्रश्नपत्रों की फोटो स्टेट काॅपी के जरिए कहीं डेढ़ तो कहीं दो घंटे देरी से परीक्षा शुरू कराई गई थी.

शनिवार को लखनऊ विश्वविद्यालय, केकेसी सहित कई डिग्री कॉलेज में को करिकुलर विषयों का पेपर होना था. पेपर सुबह 9:00 बजे प्रस्तावित था लेकिन 9:45 बजे तक प्रश्न पत्र केंद्रों पर नहीं पहुंचे थे. इसको लेकर कई केंद्रों पर विद्यार्थियों में गुस्सा भी देखने को मिला. प्रश्न पत्रों के पहुंचने में हो रही देरी को लेकर भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन एनएसयूआई ने शनिवार को परीक्षा नियंत्रक लखनऊ विश्वविद्यालय को ज्ञापन सौंप कर इस समस्या को जल्द से जल्द समाप्त करने की मांग की तथा परीक्षा केंद्रों पर समय से प्रश्न पर पहुंचाने को कहा. एनएसयूआई के आर्यन मिश्रा ने बताया कि 'विश्वविद्यालय में परीक्षा केंद्रों पर प्रश्न पत्र काफी देरी से पहुंच रहे हैं. बीते कई दिनों से यह समस्या लगातार सामने आ रही है. इसी संदर्भ में परीक्षा नियंत्रक लखनऊ विश्वविद्यालय को ज्ञापन सौंपा है और उनसे मांग की है कि इस समस्या को जल्द से जल्द दूर किया जाए नहीं तो एनएसयूआई आंदोलन के लिए बाध्य होगा.'

मंगलवार को फैल चुकी है अफरा तफरी :इसे पहले विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर कोर्सों के तीसरे सेमेस्टर के इंटर डिपोर्टमेंटल विषयों और स्नातक के मेजर व माइनर विषयों की परीक्षा मंगलवार को थी, दूसरी पॉली में परीक्षा देने के लिए परीक्षार्थी काॅपी और प्रश्नपत्र आने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन दो बजे भी प्रश्नपत्र नहीं पहुंचा, वहीं कला संकाय के कंडक्ट हाल में शिक्षकों में भी प्रश्नपत्र को लेकर अफरा-तफरी मच गई. किसी को नहीं पता था कि हो क्या रहा है? आखिर प्रश्नपत्र कहां है? वहीं कुछ छात्र भी पहुंच गए. स्थिति को संभालने के लिए प्राक्टर प्रो. राकेश द्विवेदी ने मोर्चा संभाला. यही हाल लखनऊ समेत लखीमपुर, सीतापुर, हरदोई और रायबरेली के परीक्षा केन्द्रों का रहा. एनएसयूआई का आरोप है कि बीते मंगलवार को पीजी के तीन विषयों की परीक्षा में यह दिक्कत हो चुकी है, प्रश्नपत्र छपे ही नहीं थे.

सूत्रों ने बताया कि 'स्नातकोत्तर के कुछ विषयों के प्रश्नपत्र ही नहीं छपे हैं. ऐसे में परीक्षा विभाग ने आनन-फानन में पिछले वर्ष के विषयों के बनाए गए दूसरे सेट के प्रश्नपत्रों की फोटो काॅपी छात्रों को देकर परीक्षा शुरू कराया था, वहीं लखीमपुर, सीतापुर, हरदोई और रायबरेली के परीक्षा केन्द्रों को व्हाट्सअप के जरिए प्रश्नपत्र भेजे गए थे जो प्रश्नपत्र छपे थे, वह भी कम थे. उनकी भी पूर्ति फोटो काॅपी से की गई.'

एक शिक्षक ने बताया कि 'लविवि ओएनजीसी बिल्डिंग में चलने वाले तीन पीजी कोर्स की परीक्षा इसलिए नहीं हुई कि उनके प्रश्नपत्र छपकर आए नहीं थे, दूसरी ओर यूजी के विषयों के प्रश्नपत्रों की पैकेजिंग गलत होने से कोड से वैरिफिकेशन नहीं हो पाया. लिहाजा परीक्षा समय से नहीं हो पाई थी. उस दिन अंग्रेजी का प्रश्न लविवि में 4.20 पर शुरू हुआ, जबकि परीक्षा 2:00 बजे शुरू होना था.'

लखनऊ विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक विद्यानंद त्रिपाठी ने बताया कि 'कुछ केंद्रों पर प्रश्न पत्र समय से पहुंचने में थोड़ा विलंब हो गया था. विद्यार्थियों के हित को देखते हुए उन्हें अतिरिक्त समय देकर परीक्षा को पूर्ण कराया गया है. छात्र संगठनों की ओर से इस संबंध में ज्ञापन सौंपा गया है. इस समस्या को दूर करने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं.'

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