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कम समय में मिल रहा न्याय, पॉक्सो के 21 मामलों में एक माह से कम समय में हुई सजा - Protection of Children Against Sexual Offenses

उत्तर प्रदेश में महिला संबंधी गंभीर अपराधों और पॉक्सो एक्ट से जुड़े मुकदमों में एक माह से कम समय में न्याय मिल रहा है. बता दें कि पिछले 6 माह में पॉक्सो के 21 मामलों (POCSO 21 cases) में एक माह से कम समय में अभियुक्तों को सजा दी गई.

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Published : Oct 4, 2022, 9:52 PM IST

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अंतर विभागीय समन्वय से अदालतों में तारीख दर तारीख की प्रथा अब बदल रही है. खासकर, महिला संबंधी गंभीर अपराधों और प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन अगेंस्ट सेक्सुअल ऑफेंस (पॉक्सो) एक्ट से जुड़े मुकदमों में एक माह से कम समय में न्याय मिल रहा है. पिछले छह माह में पॉक्सो के 21 मामलों (POCSO 21 cases) में एक माह से कम समय में सजा हुई है और महिला संबंधी अपराधों में हर रोज 29 अपराधियों को सजा मिली है.

सीएम योगी के निर्देश पर पहली बार प्रदेश में महिला संबंधी अपराधों और गंभीर मामलों में शासन से लेकर जिले स्तर तक मॉनिटरिंग की जा रही है. इसके लिए डीजीपी मुख्यालय, अभियोजन निदेशालय और शासन स्तर से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हर हफ्ते समीक्षा की जा रही है. पुलिस ने कम समय में न्याय दिलाने के लिए विवेचना और वैज्ञानिक साक्ष्यों की दृष्टि से मजबूत मामलों को चिह्नित कर, उनमें गवाहों और प्रदर्शों को समय पर अदालतों में प्रस्तुत कराया. साथ ही जिलों में जिला जज की अध्यक्षता में मॉनिटरिंग सेल की बैठक के अलावा जिलों की हर महीने होने वाली अपराध और अभियोजन गोष्ठी के माध्यम से समयबद्ध कर कराया गया.

एडीजी अभियोजन आशुतोष पांडेय ने बताया कि पूरी प्रक्रिया में गवाहों को सम्मन तामील कराना चुनौती थी. अंतर विभागीय समन्वय से गवाहों को सम्मन तामील कराने के लिए एक कार्य योजना बनाकर संबंधित विवेचकों, थानाध्यक्षों और अभियोजकों की जिम्मेदारी तय की गई. सम्मन तामील कराने में थाना स्तर के कांस्टेबल और मुख्य आरक्षी की भूमिका सराहनीय रही. जिस कारण प्रदेश में रिकार्ड 97.8 प्रतिशत सम्मन तामील हुए.

महिला संबंधी अपराधों में 42 सौ अपराधियों को मिली सजा

अंतर विभागीय समन्वय से पिछले छह माह में महिला संबंधी अपराधों में 4175 अपराधियों को सजा मिली है. पॉक्सो न्यायालयों से 1438 अपराधियों को सजा हुई है. इसमें 206 को आजीवन कारावास, 513 को 10 वर्ष से अधिक और 719 को मिली 10 वर्ष से कम की सजा हुई है. इसके अलावा महिलाओं के खिलाफ गंभीर अपराधों में 2737 अपराधियों को सजा हुई है. इसमें 250 अपराधियों को आजीवन कारावास, 528 को 10 वर्ष से अधिक कारावास और 1959 को 10 वर्ष से कम की सजा मिली है.

महिला संबंधी अपराधों में सजा दिलाने में यूपी नंबर वन

एनसीआरबी की ओर से हाल ही में जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक महिला संबंधी अपराधों में सजा दिलाने में पूरे देश में उत्तर प्रदेश वर्ष 2021 में 59.1 प्रतिशत के साथ पहले पायदान पर है. मिशन शक्ति अभियान के तीन चरणों में कुल 6211 अपराधियों को सजा दिलाई गई है. इसमें 36 अपराधियों को फांसी, 1296 को आजीवन कारावास, 1203 को 10 वर्ष या 10 वर्ष से अधिक सजा और 3676 को 10 वर्ष से कम की सजा दिलाई गई है.

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