लखनऊ :समाज कल्याण विभाग में 2 प्रमुख अफसरों के बीच खींचतान जारी होने की वजह से छात्रवृत्ति बांटने में समस्या पैदा हो रही है. वहीं अधिकारी एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. पिछले महीने शुरू हुए समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव बीएल मीणा और निदेशक समाज कल्याण बालकृष्ण त्रिपाठी के बीच विवाद शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं ये मामला मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी के संज्ञान में आने के बाद भी शांत नहीं हो सका. अब विभाग के प्रमुख सचिव बीएल मीणा ने एक बार फिर से निदेशक बालकृष्ण त्रिपाठी पर छात्रवृत्ति वितरण को लेकर नया आरोप लगाया है.
प्रमुख सचिव ने निदेशक पर लगाए आरोप
विभाग के प्रमुख सचिव बीएल मीणा ने एक पत्रावली पर निदेशक बालकृष्ण त्रिपाठी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने फाइल की नोट सीट पर लिखा है कि निदेशक शासन से छात्रों की छात्रवृत्ति बांटने को लेकर, लूट करने की खुली छूट दिए जाते हैं. दरअसल छात्रवृत्ति बांटने को लेकर इस प्रकार की नोटिंग फाइल में की है. इसके साथ ही प्रमुख सचिव ने ये भी लिखा है कि अगर छात्रवृत्ति न बंटने से निदेशक और संयुक्त निदेशक के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के अंतर्गत एफआईआर दर्ज हुई तो वे स्वयं जिम्मेदार होंगे. प्रमुख सचिव ने विभाग के निदेशक बालकृष्ण त्रिपाठी के खिलाफ कार्रवाई के लिए नियुक्ति विभाग और मुख्यमंत्री कार्यालय को भी पत्रावली भेजी है.
नियमों के अनुसार भेजी जानी है छात्रवृत्ति
विभाग के प्रमुख सचिव बीएल मीणा ने कहा है कि समाज कल्याण विभाग के तहत बांटी जाने वाली छात्रवृत्ति को लेकर अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए 60% केन्द्रांश बच्चों के खातों में दिल्ली से राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल के माध्यम से ही सक्षम पोर्टल पर दिया जाना है. नियमावली 2017 की शर्तें वित्त मंत्री के निर्देशों में बनी समितियों से भी ज्यादा कठोर हैं. क्या इनका पालन हुआ है. इस बार भी पालन करना है. सत्यापन और जांच सतत प्रक्रिया है. इसका वितरण से संबंध है कि गलत और अपात्र को छात्रवृत्ति न दी जाए.