लखनऊ:सीबीआई के विशेष जज अजय विक्रम सिंह ने 10 हजार रुपये की रिश्वत लेने के एक मामले में महानगर पोस्ट आफिस के तत्कालीन पब्लिक रिलेशन इंस्पेक्टर नरेश पाल सिंह और पोस्टल असिस्टेंट श्रवण कुमार को चार-चार साल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने इन दोनों मुल्जिमों पर 24-24 हजार का जुर्माना भी लगाया है.
14 मई, 2015 को इस मामले की शिकायत मेसर्स बालाजी प्रतिष्ठान के प्रोपराइटर सचिन वर्मा ने दर्ज कराई थी, जिसके मुताबिक उसकी फर्म धार्मिक वस्तुओं आदि का व्यापार पार्सल के माध्यम से करती है. इसके लिए वह महानगर पोस्ट आफिस गया. वहां बताया गया कि उसके फर्म का सत्यापन होना है. इसके लिए पीआरई एनपी सिंह ने बड़े बाबू श्रवण कुमार के माध्यम से खर्चा-वर्चा के रुपये में 15 हजार की मांग की. कहा कि इसके बाद ही सत्यापन होगा. वरना कागज लेकर टहलते रहना. 15 मई, 2015 को उनकी इस शिकायत पर सीबीआई ने श्रवण कुमार को 10 हजार की रिश्वत की रकम के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. जबकि मुल्जिम नरेश पाल सिंह मौके से भाग गया था. विवेचना के दौरान इसे भी गिरफ्तार कर लिया गयाय
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