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जानिए...लॉकडाउन के बढ़ाए जाने पर ग्रामीणों की क्या है राय

राजधानी लखनऊ में कोरोना महामारी के प्रकोप को कम करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश भर में 2 दिनों का लॉकडाउन बढ़ा दिया है. इससे आम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन उनका यह भी कहना है कि सरकार ने लॉकडाउन बढ़ाकर अच्छा काम किया है.

लॉकडाउन के चलते तो हो रही दिक्कत लेकिन लगाना जरूरी
लॉकडाउन के चलते तो हो रही दिक्कत लेकिन लगाना जरूरी

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Published : May 4, 2021, 4:34 PM IST

लखनऊ : कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखकर उत्तर प्रदेश सरकार ने अहम फैसला लेते हुए प्रदेश भर में लॉकडाउन की मियाद को 2 दिन और बढ़ा दिया है. अब लॉकडाउन गुरुवार सुबह 7:00 बजे तक रहेगा. वहीं सरकार द्वारा लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराए जाने के निर्देश भी दिए गए हैं. लॉकडाउन के दौरान सिर्फ आकस्मिक सेवाओं को ही छूट दी गई है. ऐसे में बढ़े हुए लॉकडाउन की मियाद पर राजधानी की ग्रामीण जनता से ईटीवी भारत ने बातचीत की.

लॉकडाउन का समय बढ़ाने पर क्या कहते हैं लोग

'लॉकडाउन लगने से सवारियां न के बराबर'

राजधानी के मोहनलालगंज विकासखंड के अंतर्गत आने वाले निगोहा क्षेत्र के अलग-अलग तबके के लोगों से लॉकडाउन बढ़ाए जाने पर उनकी राय जानने के लिए उनसे बात की गई. ग्राम शेरपुर लवल के रहने वाले लालजी तिवारी ई रिक्शा चलाते हैं. उन्होंने सरकार के इस फैसले को सराहनीय बताया. साथ ही कहा कि महामारी के इस दौर में सरकार ने लॉकडाउन की मियाद को बढ़ाकर सही किया है. लेकिन, लॉकडाउन लगने की वजह से उन्हें परिवार चलाने में काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. सुबह से शाम हो जाती है लेकिन, सवारियां न के बराबर ही मिल पा रही हैं.

'दैनिक आय वाले लोग हो रहे परेशान'

शेरपुर लवल गांव के रहने वाले अंबुज शुक्ला ने बताया कि सरकार को यह कदम पहले ही उठा लेना चाहिए था. लॉकडाउन से भले ही दैनिक आय वाले व्यक्तियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा, लेकिन जब हम जिंदा रहेंगे तभी तो कुछ कर पाएंगे. ऐसे में सरकार का लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला सही है.

'दुकानदारों की आमदनी पर फर्क पड़ा है'

वहीं सड़क किनारे छोटी सी पान मसाले की दुकान चलाने वाले धनंजय ने बताया कि महामारी के इस दौर में सरकार का लॉकडाउन लगाना जायज है. इससे छोटे दुकानदारों की आमदनी पर बहुत बड़ा फर्क पड़ा है. आम दिनों में 4-5 सौ रुपए की आमदनी हो जाती थी, लेकिन लॉकडाउन के समय में वह घटकर अब 50 रुपये तक ही सीमित रह गई है.

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