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एक महीने में 43 हजार 574 गिफ्ट डीड हुईं, जनता को 1800 करोड़ का फायदा हुआ: मंत्री रवीन्द्र जायसवाल - विशेष गिफ्ट डीड योजना

एक माह में 43 हजार 574 गिफ्ट डीड (Special Gift Deed Scheme) हुईं. इससे जनता को 1800 करोड़ का फायदा हुआ. यह बात बुधवार को प्रदेश के स्टांप तथा न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन राज्य मंत्री रवीन्द्र जायसवाल (स्वतंत्र प्रभार) ने कही.

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राज्य मंत्री रवीन्द्र जायसवाल Minister of State Ravindra Jaiswal Public gets benefit from gift deed एक महीने में 43 हजार 574 गिफ्ट डीड विशेष गिफ्ट डीड योजना भारतीय स्टाम्प अधिनियम 1899

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 14, 2023, 8:03 AM IST

लखनऊ: स्टाम्प एवं पंजीयन विभाग द्वारा शुरू की विशेष गिफ्ट डीड योजना के अंतर्गत 05 अगस्त, 2023 से 12 सितम्बर 2023 तक 43 हजार 574 लोगों द्वारा इसका लाभ (Public gets benefit from gift deed) उठाया गया. इससे जनता को 1807.31 करोड़ रुपये का लाभ भी मिला. प्रदेश के स्टांप तथा न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन राज्य मंत्री रवीन्द्र जायसवाल (स्वतंत्र प्रभार) ने बताया कि अब रक्त सम्बधियों को सम्पति दान करने पर स्टाम्प सर्किल रेट के बराबर न होकर केवल 5 हजार रुपये है. इस योजना से पूर्व गिफ्ट डीड करने में इसके पहले स्टाम्प शुल्क सर्किल रेट के बारबर देना पड़ता था.

राज्य मंत्री रवीन्द्र जायसवाल (Minister of State Ravindra Jaiswal) बताया कि पिछले साल जून, 2023 से दिसम्बर, 2023 तक छह महीनों के लिए लागू की गयी. इस योजना का लाभ 2 लाख 56 हजार 440 लोगों ने उठाया. उन्होंने बताया कि इस योजना के पूर्व रजिस्ट्री कराने की संख्या कम होती थी. इसके अनुसार उत्तर प्रदेश राज्य में परिवार के सदस्यों पुत्र, पुत्री, पिता, माता, पति, पत्नी, पुत्रवधु (पुत्र की पत्नी) सगा भाई (सगे भाई के मृतक होने की दशा में उसकी पत्नी) सगी बहन, दामाद ( पुत्री का पति ), पुत्र / पुत्री के पुत्र/पुत्री के मध्य निष्पादित अचल सम्पत्ति के दान विलेख पर प्रभार्य स्टाम्प शुल्क की अधिकतम सीमा 5,000 रुपये निर्धारित किया गया है.

भारतीय स्टाम्प अधिनियम 1899 की अनुसूची 1-ख के अनुच्छेद 33 के प्राविधानों के अधीन उत्तर प्रदेश राज्य में दान विलेखों पर सम्पत्ति के मूल्य पर हस्तान्तरण पत्र की भांति स्टाम्प शुल्क प्रभार्य है. रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1908 की धारा-17 के प्राविधानों के अधीन अचल सम्पत्ति के दान विलेख का रजिस्ट्रीकरण अनिवार्य है. भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 की धारा- 9(1) (क) के प्राविधानों के अधीन राज्य सरकार को पारिवारिक सदस्यों के मध्य निष्पादित होने वाले इस प्रकार के विलेखों पर प्रभार्य स्टाम्प शुल्क में छूट प्रदान करने का अधिकार प्राप्त है.

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