लखनऊ : दाखिल-खारिज तथा फ्री-होल्ड के आवेदनों के निस्तारण में विकास प्राधिकरण दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं. कानपुर, गाजियाबाद, गोरखपुर की तुलना में एलडीए में सबसे ज्यादा मामले लंबित हैं.
इस संबंध में जनहित गारंटी पोर्टल पर लंबित प्रकरणों की समीक्षा करते हुए प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार ने नाराजगी जताई है. एलडीए अधिकारियों को लंबित प्रकरणों का प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण करने के निर्देश दिए हैं.
एलडीए समेत अन्य प्राधिकरणों में आवंटियों के दाखिल-खारिज व फ्री-होल्ड के आवेदनों का निस्तारण नहीं हो रहा है. इससे लोग प्राधिकरण के चक्कर लगा रहे हैं. सबसे खराब स्थिति लखनऊ विकास प्राधिकरण की है.
स्थिति यह है कि लोग दो-चार साल से दौड़ लगा रहे हैं. पूरा पैसा जमा होने के बाद भी फ्री होल्ड नहीं हो रहा है. एलडीए में फ्री होल्ड के लिए ऐसे 302 मामले लंबित पडे़ हैं. जनहित गारंटी के तहत निर्धारित समय सीमा भी खत्म हो चुकी है. एक महीने में जिस आवेदन का निस्तारण हो जाना चाहिए था, वह तीन साल से लंबित है.
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इसी तरह दाखिल-खारिज में भी एलडीए के 408 ऐसे मामले हैं जिसमें उसके निस्तारण की समय सीमा तीन महीने से अधिक का समय हो चुका है. मथुरा, मेरठ, मुरादाबाद, बरेली, अलीगढ़, फिरोजाबाद, मुजफ्फरनगर, रायबरेली तथा सहारनपुर प्राधिकरण में बेहतर काम हो रहा है. इन प्राधिकरणों में एक भी शिकायत नहीं है.