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अस्पतालों में भर्ती मरीजों को संक्रमण से बचाना सबसे बड़ी चुनौती, विशेषज्ञों ने साझा किए उपाय - माइक्रोकॉन 2023

अस्पतालों में भर्ती मरीजों को कई तरह के गंभीर संक्रमण का खतरा रहता है. ऐसे में पीड़ित बीमारी के अलावा संक्रमण से बचाना सबसे बड़ी चुनौती होता है. यह बातें किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय में चल रही कार्यशाला के दौरान (माइक्रोकॉन 2023) चिकित्सा विशेषज्ञों के साझा किए.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 25, 2023, 2:22 PM IST

लखनऊ :अस्पतालों में भर्ती मरीजों को संक्रमण से बचाना चुनौती भरा होता है. अस्पताल में कई तरह की बीमारियों से ग्रस्त मरीज भर्ती होते हैं. ऐसे में बैक्टीरिया व वायरस आसानी से तेजी से वार्ड में फैलते हैं. इसमें कैंडिडा ऑरिस फंगस असाध्य बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए बेहद खतरनाक है. यह बातें केजीएमयू माइक्रोबायोलॉजी विभाग की डॉ. शीतल वर्मा ने कहीं. वह शुक्रवार को संस्थान में चल रही माइक्रोकॉन 2023 के दूसरे दिन पर जानकारी साझा कर रही थीं. उन्होंने बताया कि असाध्य रोग से ग्रस्त मरीज व ट्रांसप्लांट यूनिट के मरीजों में रोग प्रतिरोधक क्षमता पहले से कम होती है. ऐसे मरीज दरवाजे, बेड छूने पर हाथ जरूर धोएं. मास्क का प्रयोग करें. इससे काफी हद तक फंगस से बचाव संभव है. बताया कैंडिडा ऑरिस सामान्य एंटीफंगल दवा से ठीक नहीं होता. इसके लिए दूसरी दवाएं मरीज को दी जाती है.

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श्वास मरीजों की सभी जांच जरूरी :जयपुर से आईं डॉ. भारती मेहरोत्रा का कहना है कि श्वास रोगियों की सभी तरह के संक्रमण की जांच होनी चाहिए. ताकि मरीजों को सीवियर एक्यूट रेस्पीरेट्री इलनेस से बचाया जा सके. इसके लिए मल्टीप्लेक्स पीसीआर जैसी तकनीक से जांच जरूरी है. यूएस के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के डॉ. मयंक द्विवेदी ने बताया कोविड के बाद सभी प्रकार के वायरस व बैक्टीरिया की रोकथाम के लिए जांचे हैं. इनका प्रयोग भी किया जा रहा है. मरीज की जीन सीक्वेंसिंग की जा रही है. समय पर जांच से बीमारी के प्रसार को रोक सकते हैं.

नर्सिंग ऑफिसर भर्ती परीक्षा 26 नवंबर को. फाइल फोटो




नर्सिंग ऑफिसर भर्ती परीक्षा 26 को :आगामी 26 नवंबर को नर्सिंग ऑफिसर भर्ती परीक्षा 2023 आयोजित करने के लिए किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) द्वारा एआई के उपयोग सहित सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं. परीक्षा पांच शहरों आगरा, ग्रेटर नोएडा, प्रयागराज, गोरखपुर और लखनऊ में एक साथ 134 केंद्रों पर आयोजित की जाएगी. जिसमें 4000 से अधिक पर्यवेक्षक और केजीएमयू के लगभग 300 पर्यवेक्षक होंगी. इस महत्वपूर्ण परीक्षा में 63 हजार से अधिक उम्मीदवार भाग लेने वाले हैं, जो स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए मील का पत्थर है. केजीएमयू ने उन्नत तकनीकी निगरानी उपायों का उपयोग करते हुए और अत्याधुनिक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) प्रौद्योगिकियों को शामिल करते हुए एक बहु-स्तरीय सुरक्षा दृष्टिकोण अपनाया है. उम्मीदवारों को बता दें कि परीक्षा पेपर-पेन आधारित होगी, जिसमें नकारात्मक अंकन के साथ 100 बहुविकल्पीय प्रश्न (एमसीक्यू) होंगे.

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक.

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने दिए दिशा निर्देश :आईसीयू और वेंटिलेटर के गंभीर मरीजों को समय पर बेहतर इलाज मिले. इसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए. ठंड में सांस, दिल व दूसरी गंभीर बीमारी से पीड़ितों की समस्या बढ़ जाती है. अभी से जरूरी व्यवस्थाएं दुरुस्त कर लें. यह निर्देश डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने दिए.

सभी बेड क्रियाशील करें :उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी अस्पताल, मेडिकल कॉलेज और मेडिकल विश्वविद्यालयों के निदेशक, सीएमएस और अधीक्षकों को इलाज की व्यवस्था को ठीक रखने के निर्देश दिए हैं. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि आईसीयू और वेंटिलेटर बेड ठीक कर रहें. सभी बेड क्रियाशील होने चाहिए. आवश्यक औषधियां भी जुटा ली जाएं. ऑक्सीजन की व्यवस्थाओं की लगातार निगरानी की जा रही है. अस्पताल के अधिकारी अपने स्तर से भी ऑक्सीजन की व्यवस्था को देखें. बैकअप भी रखें. इसमें किसी भी तरह की लापरवाही न बरती जाए.



24 घंटे जांच की सुविधा : डिप्टी सीएम ने कहा कि पैथोलॉजी का संचालन 24 घंटे किया जा रहा है. इस व्यवस्था को और मजबूत किया जाएं. इमरजेंसी में आने वाले मरीजों के स्वास्थ्य का आंकलन डॉक्टर फौरन करें. आवश्यक जांचें लिखें. समय पर जांच कर रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाएं. ताकि जांच रिपोर्ट के इंतजार में रोगी का इलाज प्रभावित न हो. ठंड में बुजुर्ग, महिलाएं में सांस, दिल, ब्रेन स्ट्रोक आदि का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में रोगियों की संख्या में भी इजाफा हो सकता है. सभी अस्पताल इस तरह की स्थितियों से निपटने के लिए तैयार रहें.

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