लखनऊ: योगी सरकार की महत्वकांक्षी परियोजना गंगा एक्सप्रेस वे का निर्माण 36 हजार करोड़ रुपये से किया जाएगा. निर्माण के लिए देश- विदेश की 11 कंपनियों के प्रस्ताव आए हैं. इस संबंध में शुक्रवार को अपर मुख्य सचिव गृह एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी यूपीडा और अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग की अध्यक्षता में निविदा मूल्यांकन समिति की बैठक हुई.
36 हजार करोड़ रुपये से होगा गंगा एक्सप्रेस वे का निर्माण
योगी सरकार की महत्वकांक्षी परियोजना गंगा एक्सप्रेस वे का निर्माण 36 हजार करोड़ रुपये से किया जाएगा. निर्माण के लिए देश- विदेश की 11 कंपनियों के प्रस्ताव आए हैं.
पीपीपी मोड़ पर होना है निर्माण
मेरठ से प्रयागराज तक प्रस्तावित गंगा एक्सप्रेस वे परियोजना के निर्माण से संबंधित पीपीपी मोड के अंतर्गत डिजाइन, बिड, फाइनेंस, आपरेट, मेंटेन एवं ट्रांसफर के आधार पर एक्सप्रेस वे का विकास किए जाने के लिए 11 देशी-विदेशी कंपनियों के प्रस्ताव मिले हैं. बैठक में इच्छुक कंपनियों से निर्माण के लिए ई-टेंडर पोर्टल पर प्रस्तुत ईओआई प्रस्तावों को डाउनलोड किया गया.
तेजी से हो रहा जमीन अधिग्रहण का काम
मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी ने निविदाकर्ताओं को भरोसा दिलाया कि यूपीडा द्वारा गंगा एक्सप्रेस वे के निर्माण के शुरुआती दौर की प्रक्रियाओं को शीघ्र पूरा किया जाएगा. उन्होंने बताया कि एक्सप्रेस वे के निर्माण से संबंधित भूमि अधिग्रहण का कार्य तेजी से किया जा रहा है.
594 किमी लंबा होगा गंगा एक्सप्रेस वे
गंगा एक्सप्रेस वे परियोजना प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी परियोजना है. इसके निर्माण कार्य के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है. इसकी लंबाई 594 किमी होगी और यह प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेस वे होगा. यह एक्सप्रेस वे मेरठ से शुरु होकर हापुड़, बुलन्दशहर, अमरोहा, सम्भल, बंदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ होते हुए प्रयागराज में समाप्त होगा. बैठक में अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग आलोक कुमार, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्रीशचन्द्र वर्मा सहित यूपीडा के सभी आलाधिकारी मौजूद रहें.