लखनऊः बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से प्राथमिक विद्यालयों में तैनात शिक्षकों को स्थानांतरण के लिए प्रक्रिया 6 जनवरी से शुरू होना है. विभाग के इस आदेश के बाद विद्यालयों में तैनात शिक्षकों के बीच में असमंजस (Promotion and Transfer became problem for teacher in UP) की स्थिति उत्पन्न हो गई है. बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों का कहना है कि अगर वह पदोन्नति चुनते हैं, तो उन्हें अपने जिले में स्थानांतरण पाने का मौका नहीं मिलेगा और अगर वह अपने जिले के पास या जिले में जाने का विकल्प चुनते हैं तो उन्हें पदोन्नति का लाभ नहीं मिलेगा.
इसी अजीब स्थिति के बीच में फंसे शिक्षक को सोमवार को महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा से मुलाकात कर अपनी स्थिति से उनको अवगत कराते हुए इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान करने की मांग की. महानिदेशक स्कूल शिक्षा से मिलने पहुंचे शिक्षकों का कहना था कि पहले भी वह अपने स्थानांतरण और प्रमोशन की मांगों को लेकर अधिकारियों को अपनी बात रख चुके हैं. लेकिन उनकी मांगों पर कोई विचार किए बिना ही स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. शिक्षकों ने मांग की पहले उनके लंबित प्रमोशन की प्रक्रिया को पूरा किया जाए फिर उनका स्थानांतरण का मौका दिया जाए, लेकिन विभाग की ओर से इसके विपरीत आदेश जारी कर दिया गया है.
महानिदेशक से मिलने पहुंचे शिक्षकों का कहना ताकि अगर प्रमोशन की प्रक्रिया पहले पूरी होती है तो परस्पर ताबाद के लिए बनाए गए उनका जोड़ा टूट जाएगा. शिक्षकों का नेतृत्व कर रहे उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के निर्भय सिंह ने बताया कि प्रमोशन वाले शिक्षकों का विद्यालय आवंटन 6 जनवरी और परस्पर तबादले में शिक्षक कार्यमुक्त व कार्यभार ग्रहण करने की प्रक्रिया 11 से 13 जनवरी के बीच होने का आदेश जारी किया गया है. महानिदेशक ने उन्हें इस मामले में सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
12460 शिक्षक भक्ति में हो दो चरण की काउंसलिंग:बेसिक विद्यालय में हाईकोर्ट के आदेश के बाद 12460 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में खाली चल रहे पदों को भरने के लिए पहले चरण की काउंसलिंग की प्रक्रिया 31 दिसंबर को पूरी हो गई है. सोमवार को बेसिक शिक्षा निदेशालय पहुंचे अभ्यर्थियों ने कहा कि काउंसलिंग में पर्याप्त समय न होने के कारण काफी कम संख्या में अभ्यर्थी पहुंच पाए हैं. ऐसे में उन्होंने खाली पदों को भरने के लिए दूसरे चरण की काउंसलिंग कराने की मांग की है. अभ्यर्थियों ने कहा कि शासन ने निर्देश दिया है कि 2017 में काउंसलिंग करने वालों को ही मौका मिलेगा. जबकि काउंसलिंग छोड़ने वाले भी अब अपना दावा प्रस्तुत कर रहे हैं ऐसे में काउंसलिंग में शामिल न कराया जाए.
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