लखनऊ:उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र तिवारी की अध्यक्षता में प्रोजेक्ट माॅनिटरिंग ग्रुप की बैठक मंगलवार को आयोजित की गई. इसमें ट्रांसगंगा सिटी उन्नाव, सरस्वती हाईटेक सिटी प्रयागराज, प्लास्टिक सिटी दिबियापुर और अमृतसर-कोलकाता इन्डस्ट्रियल काॅरिडोर परियोजना की समीक्षा की गई.
निर्माण कार्यों में गति लाकर शेष कार्य पूरा कराएं
मुख्य सचिव ने कहा कि निर्माण कार्यों में गति लाकर अवशेष कार्यों को शीघ्र पूर्ण कराया जाए. ट्रांसगंगा सिटी उन्नाव की समीक्षा के दौरान बताया गया कि ट्रांसगंगा सिटी परियोजना के फेज-1 व फेज-2 सिविल वर्क का कार्य 31 मार्च को पूर्ण हो चुका है. इलेक्ट्रिकल वर्क 31 तक पूर्ण कर लिया जाएगा. सरस्वती हाईटेक सिटी प्रयागराज की समीक्षा के दौरान अवगत कराया गया कि सरस्वती हाईटेक सिटी परियोजना के फेज-1 व फेज-2 सिविल वर्क का कार्य 31 मार्च को पूर्ण हो चुका है और इलेक्ट्रिकल वर्क 31 जुलाई तक पूर्ण कर लिया जाएगा.
प्लास्टिक सिटी दिबियापुर की समीक्षा
प्लास्टिक सिटी दिबियापुर औरैया की समीक्षा के दौरान बताया गया कि दिबियापुर में पुलिस चौकी अनुरक्षण कार्य पूर्ण हो चुका है. शासन स्तर से पुलिसकर्मियों की तैनाती के आदेश निर्गत कर दिए गए हैं. गेल के साथ रियायती दरों पर कच्चा माल, गैस सप्लाई और आवंटियों को मार्गदर्शन करने के लिए एमओयू 31 मार्च को हस्ताक्षरित किया गया है. निर्बाध विद्युत आपूर्ति की उपलब्धता के लिए प्रबन्ध निदेशक डीवीएनए आगरा से पुनः अनुरोध किया गया है. 14 और 15 फरवरी 2021 को जिला प्रशासन के सहयोग से आवंटियों को कब्जा हस्तान्तरण की कार्यवाही सम्पन्न हो चुकी है. 20 पट्टा धारकों में से 6 ने कब्जा प्राप्त कर लिया और एक आवंटी द्वारा निर्माण कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है. शासन के पत्र 1 मार्च 2021 द्वारा 65 एकड़ भूमि प्लास्टिक सिटी के लिए आरक्षित रखते हुए शेष को सामान्य उद्योगों के लिए आवंटन का निर्णय लिया गया है.
अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल काॅरिडोर की समीक्षा
अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल काॅरिडोर की समीक्षा के दौरान बताया गया कि परियोजना के अन्तर्गत इन्टीग्रेटेड मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर आईएमसी के विकास के लिए पूर्व में जनपद कानपुर देहता के ग्राम भाऊपुर में जमीन चिह्नित की गई थी. किसानों के अत्यधिक भूमि के मुआवजे की मांग किए जाने के कारण इस क्षेत्र में आईएमसी के निर्माण के प्रस्ताव को रद्द कर दिया गया है.
आईएमसी के लिए प्रयागराज और आगरा में भूमि चिह्नित की गई