उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम से देशभर में बनेगा हिंदुत्व का माहौल, जानिए विरोध का विपक्ष पर क्या होगा असर

22 जनवरी 2024 को अयोध्या में श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम (Ram Mandir Pran Pratistha in ayodhya) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया गया है. तमाम विपक्षी दल इसे लेकर भाजपा और केंद्र सरकार को घेरने में जुट गए हैं. विपक्ष का विरोध करने पर क्या असर पड़ेगा? पढ़ें यूपी के ब्यूरो चीफ आलोक त्रिपाठी का विश्लेषण...

Etv Bharat
Etv Bharat

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 26, 2023, 9:11 PM IST

Updated : Oct 26, 2023, 10:29 PM IST

जानकारी देते राजनीतिक विश्लेषक डॉ दिलीप अग्निहोत्री

लखनऊ : आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में श्रीराम मंदिर का लोकार्पण और प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम तय हुआ है. राम मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आमंत्रित किया गया है. प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को आमंत्रित किए जाने के साथ ही इस विषय में राजनीति भी तेज हो गई है. तमाम विपक्षी दल इसे लेकर भाजपा और केंद्र सरकार को घेरने में जुट गए हैं. विपक्ष का कहना है कि सरकार मंदिर के लोकार्पण कार्यक्रम को इवेंट का रूप देकर राजनीतिक लाभ लेना चाहती है, वहीं भाजपा और सरकार के अपने तर्क हैं. इसमें कोई दो राय नहीं कि भारतीय जनता पार्टी, संघ और अन्य हिंदू संगठन इस आयोजन को राष्ट्रीय स्तर पर जन-जन तक पहुंचाने की तैयारी कर रहे हैं.

अयोध्या में श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया गया (फाइल फोटो)



विश्लेषकों का मानना है कि यदि भाजपा इस कार्यक्रम को जन-जन तक ले जाना चाहती है, तो इसमें न तो कोई नई बात है और न ही इससे किसी को हैरान होना चाहिए. यह मुद्दा कई दशकों से भाजपा के एजेंडे में रहा है. अब जबकि मंदिर का लोकार्पण होने जा रहा है, तब यह उम्मीद करना कि पार्टी या सरकार खुद को इससे अलग रखे, तर्कहीन है. हर दल की अपनी नीतियां और उनके नफा-नुकसान होते हैं. मंदिर निर्माण को लेकर भाजपा की स्थापित नीति रही है. ऐसे में भाजपा और उसके सहयोगी संगठन इसका भरपूर लाभ उठाने का प्रयास करेंगे, क्योंकि राजनीति में कोई भी कार्य यूं ही नहीं होता. यदि अल्पसंख्यकों की राजनीति करने वाले दल भाजपा और सरकार का विरोध करते हैं, तो इसका उन्हें नुकसान ही होगा. विरोध का कोई लाभ मिल पाना असंभव है.

अयोध्या में श्रीराम मंदिर



इस संबंध में राजनीतिक विश्लेषक डॉ दिलीप अग्निहोत्री कहते हैं 'पांच सौ वर्ष का एक सपना साकार होने जा रहा है. अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण पूर्णता की ओर अग्रसर है. 22 जनवरी को इस भव्य मंदिर का लोकार्पण होना है. यह एक ऐतिहासिक अवसर होगा. ऐसा सपना था, लोगों ने जिसकी कल्पना तक छोड़ दी थी. वर्तमान पीढ़ी को यह सौभाग्य मिलने जा रहा है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के सदस्यों ने प्रधानमंत्री को 22 जनवरी के लिए आमंत्रण दिया है. निश्चित रूप से इस काम की सराहना होनी चाहिए. वह देश के प्रधानमंत्री हैं, केवल इस नाते ही नहीं, बल्कि इस समस्या के समाधान में उनके योगदान को देखते हुए यह उचित कदम है. विपक्ष के लोगों ने इसका विरोध भी किया है. यह वैसा ही है, जैसे संसद भवन के निर्माण का कार्य यूपीए सरकार में होना चाहिए था, लेकिन वह नहीं कर सके, हालांकि लोकार्पण के समय सारे विपक्षी दल संसद के नए भवन के निर्माण का विरोध कर रहे थे. आज फिर वही स्थिति दोहराई जा रही है.'


अयोध्या में श्रीराम मंदिर

डॉ दिलीप अग्निहोत्री कहते हैं 'आज विपक्ष के नेता कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रण देने की क्या जरूरत थी. यह कहने वाले वही दल और नेता हैं, जिन्होंने श्रीराम मंदिर निर्माण में अंतिम समय तक बाधाएं उत्पन्न कीं. सुनवाई को टालते रहने का प्रयास किया. अनेक विपक्ष के वकील यही काम कर रहे थे. यह वह लोग हैं, जो एक बार भी मंदिर निर्माण का कार्य देखने नहीं गए. इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को श्रेय मिलना चाहिए. सरकार जितने तथ्य और प्रमाण दे सकती थी, वह कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किए गए.

अयोध्या में श्रीराम मंदिर

सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति से ही न्यायालय का निर्णय आसान हुआ. परिणाम सबके सामने है. कल्पना करिए कि नरेंद्र मोदी की जगह आज का जो गठबंधन है, जो सनातन का विरोध कर रहा है, यदि इनकी सरकार होती तो क्या मंदिर निर्माण हो पाता. जो बिल्कुल असंभव कार्य था, आज संभव हो रहा है. कहा जा रहा है कि भाजपा इसे इवेंट बना रही है. मेरा मानना है कि श्रीराम भारत के जनमानस में हैं. इसलिए यह तो इवेंट बनना ही था. बड़ी संख्या में लोग अयोध्या पहुंचना चाहेंगे. सरकार को कहीं न कहीं भीड़ को नियंत्रित करना पड़ेगा. इसलिए सरकार इसे इवेंट नहीं बना रही है, बल्कि यह भारत के जनमानस का इवेंट है.'

यह भी पढ़ें : 22 जनवरी को होगी राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा, पीएम मोदी ने स्वीकार किया निमंत्रण

यह भी पढ़ें : Ram Mandir Inauguration: राम मंदिर को लेकर कमलनाथ का बड़ा बयान, बोले- राम मंदिर बीजेपी का नहीं, सनातन धर्म का प्रतीक

Last Updated : Oct 26, 2023, 10:29 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details