लखनऊःलखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षक अब महाविद्यालय के शिक्षकों को न्यू एजुकेशन पॉलिसी के बारे में ट्रेनिंग देंगे. मंगलवार को इसी क्रम में लखनऊ विश्वविद्यालय से संबंद्ध कई महाविद्यालयों के शिक्षकों की ट्रेनिंग विश्वविद्यालय के परिसर में हुई.
लखनऊ विवि के शिक्षकों ने महाविद्यालय के शिक्षकों को दी ट्रेनिंग
लखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षक अब महाविद्यालय के शिक्षकों को न्यू एजुकेशन पॉलिसी के बारे में ट्रेनिंग देंगे. मंगलवार को इसी क्रम में लखनऊ विश्वविद्यालय से संबंद्ध कई महाविद्यालयों के शिक्षकों की ट्रेनिंग विश्वविद्यालय के परिसर में हुई.
ये बोले डायरेक्टर
ईटीवी से बातचीत के दौरान लखनऊ विश्वविद्यालय के एचआरडीसी के डायरेक्टर ध्रुव सेन सिंह ने बताया कि सरकार की ओर से जारी की गई नई शिक्षा नीति-2020 उच्च शिक्षा और बेसिक शिक्षा में आने वाले समय में क्रियान्वित होने वाली है. नई शिक्षा नीति को लेकर लखनऊ विश्वविद्यालय ने कोर्स की तैयारी पूरी भी कर ली है. वहीं अगर बात करें नई शिक्षा नीति को लेकर तो उत्तर प्रदेश सरकार ने भी लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय को यह जिम्मेदारी दी है कि विश्वविद्यालय से संबंद्ध जितने भी महाविद्यालय हैं, उनके शिक्षकों को न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत ट्रेनिंग कराई जाए.
6 रिफ्रेशर कोर्स
इसको लेकर आज (मंगलवार) को कई महाविद्यालय के शिक्षकों को न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत ट्रेनिंग कराई गई . उन्होंने बताया कि पहली जो कार्य योजना तैयार की गई थी इसका पहला रिफ्रेशर कोर्स 27 फरवरी से चालू किया था दूसरा रिफ्रेशर कोर्स 1 मार्च से शुरू हुआ है . ध्रुव सेन सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय 6 रिफ्रेशर कोर्स देगा जिसमें हम विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के शिक्षकों को बेसिक ट्रेनिंग देंगे ताकि उनको यह समझ में आए की न्यू एजुकेशन पॉलिसी का मूल्य तत्व, सिद्धांत और इसकी उपयोगिता क्या है. किस तरह से आने वाले समय में यह न्यू एजुकेशन पॉलिसी देश के विकास के लिए सहायक सिद्ध होगी. उन्होंने बताया कि पहले की जो शिक्षा नीति थी उसका मूलभूत आधार यह था कि लोगों तक शिक्षा पहुंच सके. बेसिक शिक्षा निशुल्क हो. जब यह शिक्षा सभी तक पहुंच गई तो नई शिक्षा नीति के तहत यह बदलाव किया गया कि अगर कोई अभ्यर्थी विज्ञान पढ़ रहा है तो उसे सिर्फ विज्ञान की जानकारी ना हो बल्कि हमारे देश की सभ्यता और संस्कृति की भी जानकारी हो.