लखनऊ:कोविड-19 संक्रमण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश की विभिन्न जेलों में बंद 7 वर्ष के सजायाफ्ता 2314 कैदियों को पैरोल पर छोड़ा गया था. सात वर्ष तक की सजा के विचाराधीन लगभग पन्द्रह हजार कैदियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कोर्ट से जमानत मिल गई. पैरोल पर छोड़े गए 2314 सजायाफ्ता कैदियों को लेकर जेल में वापस लाने के निर्देश जारी किए गए हैं, जिसके बाद कैदियों को जेल में लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
पैरोल पर छोड़े गए कैदियों को लाया जा रहा जेल
जेल अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार कोविड-19 संक्रमण के दौरान संक्रमण को फैलने से रोकने और जेलों में दबाव को कम करने के लिए पैरोल पर छोड़े गए 2314 कैदियों को वापस लाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. बड़ी संख्या में कैदियों को वापस लाया भी गया है.
लखनऊ: 7 वर्ष से अधिक सजायाफ्ता 2314 कैदियों को वापस लाने की प्रक्रिया शुरू
राजधानी लखनऊ में 7 वर्ष से अधिक सजायाफ्ता 2314 कैदियों को वापस लाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इसी कड़ी में बड़ी संख्या में कैदियों को वापस लाया भी गया है.
15000 कैदियों को मिली जमानत
सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी किए गए निर्देश का पालन करते हुए लगभग 15000 कैदियों को जिला कोर्ट से जमानत दी गई. इन कैदियों को लेकर अभी तक कोई आदेश जारी नहीं किया गया है. कोर्ट से मिली जमानत की शर्त इन कैदियों पर लागू होगी और अपनी जमानत का समय पूरा करने के बाद कैदी जेल वापस लाए जाएंगे.
जेल प्रशासन के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार अभी तक कोविड-19 संक्रमण से किसी भी कैदी की मौत नहीं हुई है. अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार कोविड-19 संक्रमण से कैदियों को बचाने के लिए बेहतर प्रयास किए गए. अब तक लगभग 2,44,135 कैदियों का कोविड-19 संक्रमण टेस्ट कराया गया है, जिसमें से 12,788 कैदी को भी संक्रमित पाए गए, जिनमें से मात्र 191 कैदी वर्तमान में संक्रमण से प्रभावित हैं, अन्य सभी कोविड-19 संक्रमण से प्रभावित हुए कैदी पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं.