लखनऊ:लोहिया संस्थान और लोहिया अस्पताल के विलय के लिए शासन की ओर से हरी झंडी मिल चुकी है. संस्थान ने 190 नियमित कर्मचारियों में से 50 फीसदी को प्रतिनियुक्ति पर रखने का फैसला लिया गया है. इससे कर्मचारी आक्रोशित हो गए थे.
कई दिनों की हड़ताल के बाद प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई. कई दौर की बैठकों के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकल पाया है. 2 दिन पहले हुई कमेटी की बैठक में तय किया गया कि लोहिया अस्पताल में 90 डॉक्टरों में से 43 को विशेष प्रशिक्षण के बाद संस्थान में नियुक्ति कर लिया जाएगा. इनमें 4 डॉक्टर को प्रतिनियुक्त पर रखा जाएगा. 39 डॉक्टरों को संबद्ध रखा जाएगा.
विलय के लिए शासन से मिल चुकी है हरी झंडी. लोहिया संस्थान के निदेशक प्रोफेसर एके त्रिपाठी का कहना है कि संस्थान और अस्पताल के विलय को लेकर लगातार बैठक हो रही हैं. कोशिश है कि जल्द से जल्द चिकित्सकों एवं कर्मचारियों को समायोजित किया जाए, लेकिन अभी तक बात बन नहीं पाई है. प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा खुद इस मामले को देख रहे हैं. जैसा आदेश होगा, उसी हिसाब से आगे की कार्यवाही की जाएगी.
वहीं लोहिया अस्पताल के निदेशक डॉ डीएस नेगी का कहना है कि हम चाहते हैं कि गरीबों को पहले की तरह सेवा मिलती रहे. 2 दिन पहले हुई बैठक में कर्मचारियों और चिकित्सकों की मांगों को लेकर कोई खास फैसला नहीं हो सका है. शासन जो निर्देश देगा वही कार्यवाही होगी.