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विधान परिषद में उठा किसानों का मुद्दा, महंगाई व बेरोजगारी पर हुआ वार-पलटवार

मंगलवार को विधान परिषद में कई मुद्दों को लेकर पक्ष-विपक्ष में वार-पलटवार हुआ. विपक्ष ने जहां किसानों की समस्या, महंगाई और बेरोजगारी को लेकर सत्ता पक्ष को घेरा, वहीं सत्ता पक्ष से कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने विरोधियों का जवाब देते हुए अपनी सरकार के कामों की तारीफ की.

विधान परिषद
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Published : Mar 2, 2021, 9:31 PM IST

लखनऊ :विधान परिषद में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि उनकी सरकार किसानों की हितैषी है. उन्हें बेहतर सुविधाएं और अवसर उपलब्ध कराना उनका दायित्व है. मण्डियों के पास ही वो कोल्ड स्टोरेज बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं और मौजूदा योगी सरकार ने किसानों की कई उपजों पर मण्डी शुल्क शून्य कर दिया है. इसका सीधा लाभ अब किसानों को होगा, बिचैलियों को नहीं.

इससे पहले आज कृषि कानूनों को वापस लेने और किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाने, राज्य में मंहगाई और बेरोजगारी बढ़ने समेत शिक्षामित्रों का मामला गूंजा. मुख्य विपक्षी दल सपा ने कहा कि भाजपा सरकार ने किसानों को फायदा पहुंचाने के बजाय अपनी पार्टी से जुड़े खास उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाना शुरू कर दिया.

इस तरह चली सदन की कार्यवाही

सदन की कार्यवाही पूर्वाह्न 11 बजे सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह के सभापतित्व में शुरू हुई. प्रश्न प्रहर आज भी सामान्य रूप से चला. शून्य प्रहर में सपा के अहमद हसन, जितेन्द्र यादव, महफूजुर्रहमान उर्फ महफूज खां, राकेश यादव एवं अन्य सदस्यों ने उत्तर प्रदेश कृषि मण्डी संसोधन अधिनियम-2018 के द्वारा संसोधन करके मण्डियों की उपयोगिता कम करने का मामला कार्य स्थगन के रूप में उठाया. सूचना की ग्राहय्ता पर सपा के डॉ संजय लाठर, बलवन्त सिंह रामूवालिया एवं नेता विरोधी दल अहमद हसन ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ये तीनों कानून किसान विरोधी नहीं बल्कि किसानों के दुश्मन हैं.

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कृषि मंत्री ने कहा, सरकार किसान हितैषी

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि उनकी सरकार किसानों की हितैषी है. किसानों के साथ किसी तरह का अन्याय नहीं होने दिया जायेगा. यह उन्हें बेहतर सुविधाएं और अवसर उपलब्ध कराने में सहायक होंगे. हम मण्डियों के पास ही कोल्ड स्टोरेज बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं और मौजूदा योगी सरकार ने किसानों की कई उपजों पर मण्डी शुल्क शून्य कर दिया है. जिसका सीधा लाभ अब किसानों को होगा, बिचैलियों को नहीं. बिचैलियों को हटाने की योजना तो पिछली सरकारों ने बनायी थी, उनकी सरकार तो उन्हीं की योजना को आगे बढ़ा रही है. योगी सरकार आने के बाद प्रदेश में एक भी मण्डी बन्द नहीं हुई है और ना ही आगे बन्द होगी.

कांग्रेस ने उठाया बेरोजगारी का मुद्दा

कांग्रेस के दीपक सिंह ने प्रदेश के युवाओं और शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार दिलाये जाने का मामला कार्य स्थगन के रूप में उठाया. दीपक सिंह ने कहा कि प्रदेश में जब से भाजपा की सरकार आयी है, युवाओं को लगातार रोजगार दिलाने और मंहगाई कम करने की बात तो कर रही है लेकिन ना तो युवाओं को रोजगार मिल रहा है और ना ही मंहगाई पर अंकुश लग रहा है. जब भाजपा सरकार बनी थी तब बेरोजगारी दर 5.92 प्रतिशत थी, जबकि 2019 में प्रदेश में यह दर 9.97 हो गयी. ये आंकड़े कोरोना काल के पहले के हैं. अब तो यह दर और भी बढ़ गयी है. जिस पर बीजेपी नेता ने सदन में कहा कि ऐसा नहीं है. प्रयास जारी है. उन्होंने पिछली सरकारों से ज्यादा बेरोजगारों को रोजगार दिया है.

शिक्षामित्रों को समान वेतन देने का भी उठा मुद्दा

सपा के नरेश चन्द्र उत्तम, आशुतोष सिन्हा, आनन्द भदौरिया, लाल बिहारी यादव एवं अन्य सदस्यों ने शिक्षामित्रों को समान कार्य के लिए समान वेतन दिए जाने का मामला कार्य स्थगन के रूप में उठाया. ग्राहय्ता पर सपा के मान सिंह यादव, नरेश उत्तम, आशुतोष सिन्हा, शिक्षक दल के ध्रुव कुमार त्रिपाठी एवं नेता विरोधी दल अहमद हसन ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने चुनाव के समय शिक्षामित्रों को स्थायी किए जाने का वायदा किया था, लेकिन अब वह शिक्षामित्रों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. आज लाखों शिक्षामित्रों का भविष्य अंधकार में है. उनके परिवार भुखमरी की कगार पर है, उनमें रोष बढ़ रहा है.

बसपा ने उठाये ये मुद्दे

बसपा के दिनेश चन्द्रा, अतर सिंह राव, सुरेश कुमार कश्यप, महमूद अली एवं भीमराव अम्बेडकर ने बदायूं के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा अध्यापकों एवं कर्मचारियों का जातिगत आधार पर उत्पीड़न किए जाने का मामला कार्य स्थगन के रूप में उठाया. नेता सदन डॉ दिनेश शर्मा ने सदन को तथ्यों से अवगत कराया.

उत्तर प्रदेश गुंडा नियंत्रण विधेयक 2021 विधान परिषद में फंसा

योगी सरकार ने विधान सभा से तो उत्तर प्रदेश गुंडा नियंत्रण संशोधन विधेयक 2021 को पारित करा लिया था, लेकिन विधान परिषद में यह विधेयक विपक्ष के विरोध की वजह से फंस गया है. विधान परिषद सदन की कार्यवाही में मंगलवार को समाजवादी पार्टी सदस्यों के भारी विरोध के चलते इस विधेयक को प्रवर समिति को भेजा गया है, जिस पर बाद में फैसला होगा.

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