लखनऊःरायबरेली और अमेठी कांग्रेस का गढ़ रहा है. ऐसे में पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी चाहती हैं कि इन दोनों क्षेत्रों में फिर से कांग्रेस का डंका बजे. इसके लिए वे काफी फिक्रमंद हैं. उनकी गंभीरता का अंदाजा भी इस बात से लगाया जा सकता है कि यूपी की राजधानी लखनऊ में अपने तीन दिन के प्रवास के दौरान उन्होंने एक बैठक सिर्फ अमेठी और रायबरेली के जिला अध्यक्षों और ब्लॉक अध्यक्षों के साथ की. जिसमें उन्होंने इन क्षेत्रों में कमजोर होती कांग्रेस पार्टी की स्थिति को जमीनी स्तर पर जानने का प्रयास किया. साथ ही जिला और ब्लॉक अध्यक्षों से वचन लिया कि हर हाल में अमेठी और रायबरेली को कांग्रेस का गढ़ फिर से बनाएंगे. प्रियंका गांधी से बात करने के बाद अमेठी के जिला अध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष ने 'ईटीवी भारत' से बातचीत में बताया कि प्रियंका ने उनसे क्या संकल्प लिया है और उन्होंने क्या वादा किया है.
राहुल हारे थे चुनाव इसलिए प्रियंका को अमेठी की चिंता
अमेठी को लेकर प्रियंका की कुछ ज्यादा ही चिंता सता रही है. वजह है कि पार्टी के युवराज और उनके भाई राहुल गांधी 2019 में कांग्रेस की परम्परागत अमेठी लोकसभा सीट हार गए थे, इसके बाद उन्होंने साउथ इंडिया की शरण ले ली थी, जबकि रायबरेली पर अभी उनकी मां सोनिया गांधी ने कांग्रेस का जलवा बरकरार रखा है. हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में इन दोनों क्षेत्रों में पार्टी की जमीन खिसक चुकी है. अभी हाल ही में संपन्न हुए पंचायत चुनाव में ब्लॉक प्रमुख भी कांग्रेस पार्टी नहीं बना पाई. इतना ही नहीं रायबरेली में जिला पंचायत अध्यक्ष भी कांग्रेस का न बचा. पार्टी को पूरी उम्मीद थी कि कम से कम सोनिया गांधी ने रायबरेली संसदीय सीट जीतकर कांग्रेस का जो सम्मान बचा रखा था. सबसे खास बात है कि जिन संगठनों के पदाधिकारियों से प्रियंका गांधी ने मुलाकात की उन्हें इतना समय नहीं दिया, जितना कि अमेठी और रायबरेली से आए जिला अध्यक्षों और ब्लॉक अध्यक्षों के साथ विचार-विमर्श में प्रियंका तल्लीन रहीं.
2017 में यह रहा था सीटों का परफॉर्मेंस
2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में राहुल की अमेठी लोकसभा से कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया था. पार्टी इस संसदीय सीट के तहत आने वाली सभी विधानसभा सीटें अमेठी, तिलोई, जगदीशपुर, गौरीगंज और सलोन हार गई. इतना ही नहीं कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी की रायबरेली लोकसभा सीट की पांच विधानसभा सीटों में से रायबरेली और हरचंदपुर सीट ही कांग्रेस बचाने में कामयाब रही थी. सरेनी, बछरावां और ऊंचाहार सीट कांग्रेस के हाथ से फिसल गई थी. राहुल के अमेठी निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस जगदीशपुर, गौरीगंज और सलोन में दूसरे नंबर पर रही थी, जबकि तिलोई में तीसरे और खुद अमेठी में चौथे स्थान पर रही थी. सोनिया गांधी के निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस बछरावां सीट पर दूसरे, सरेनी में तीसरे और ऊंचाहार में चौथे स्थान पर खिसक गई.
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