लखनऊः प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपना एक वीडियो मैसेज जारी किया है, जिसमें उन्होंने कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर गंभीर चिंता जाहिर की है. इटली और दक्षिण कोरिया का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि दोनों ही देशों में कोविड-19 का हमला देखा गया, लेकिन दोनों ही देशों के कोरोना से लड़ने के तरीके में अंतर है.
इटली के लॉकडाउन के बजाय दक्षिण कोरिया ने संक्रमित व्यक्तियों के टेस्ट पर जोर दिया. प्रियंका ने सरकार से मांग भी की है कि वह ज्यादा से ज्यादा लोगों की टेस्टिंग कराकर कोरोना को फैलने से रोकें. उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से भी कोरोना वायरस टेस्ट को समर्थन देने का आह्वान किया है.
उन्होंने भारत में कोरोना संक्रमित लोगों के मेडिकल टेस्ट की संख्या को लेकर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा जब पूरी दुनिया में बड़े पैमाने पर जांच कराई जा रही है तो हमें भी इसी राह पर चलकर लोगों को बचाना चाहिए.
जांच के मामले में अन्य देशों से भारत पीछे
भारत में 10 लाख की आबादी में केवल 29 लोगों का कोरोना टेस्ट कराया जा रहा है, जबकि टेस्ट का आबादी अनुपात श्रीलंका में 97, पाकिस्तान में 67, ब्रिटेन में 1891 और अमेरिका में 2732 है. उन्होंने बताया कि दक्षिण कोरिया में सबसे ज्यादा प्रति दस लाख की आबादी पर 7622 कोरोना टेस्ट कराए गए. इससे दक्षिण कोरिया को कोरोना संक्रमण रोकने में कामयाबी मिली है. उन्होंने कहा कि भारत को भी इसी राह पर चलना होगा.
जांच के लिए पार्टियां उठाएं आवाज
आबादी के लिहाज से बड़ा देश होने की वजह से भारत में कोरोना संक्रमण अगर भयावह स्तर पर पहुंचा तो हम अपने अस्पतालों में लोगों का इलाज भी नहीं कर पाएंगे. यही मौका है जब सभी संभावित मरीजों का कोरोना वायरस टेस्ट कराया जाए.
प्रियंका ने कहा कि सभी राजनीतिक दल और उनके नेता भी इस मुद्दे पर एकजुटता दिखाएं और कोरोना वायरस टेस्ट के लिए अपना समर्थन दें, जिससे भारत की जनता को इस भयावह बीमारी से बचाया जा सके.