लखनऊ: कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार पर 'जिम्मेदार कौन' अभियान के तहत निशाना साधा है. सोशल मीडिया पर लिखे पोस्ट में प्रियंका ने कहा, पिछले साल 15 अगस्त को मोदी जी ने लाल किले से भाषण में कहा कि उनकी सरकार ने वैक्सीनेशन का पूरा प्लान तैयार कर लिया है. भारत के वैक्सीन उत्पादन और वैक्सीन कार्यक्रमों की विशालता के इतिहास को देखते हुए ये विश्वास करना आसान था कि मोदी सरकार इस काम को तो बेहतर ढंग से करेगी. आखिर पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1948 में चेन्नई में वैक्सीन यूनिट व 1952 में राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, पुणे को स्थापित कर भारत के वैक्सीन कार्यक्रम को एक उड़ान दी थी.
प्रियंका ने आगे लिखा, हमने सफलतापूर्वक चेचक, पोलियो आदि बीमारियों को शिकस्त दी. आगे चलकर भारत दुनिया में वैक्सीन का निर्यात करने लगा और आज दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन उत्पादक है. इन उपलब्धियों को जानकर देश निश्चिंत था कि भारतवासियों को वैक्सीन की समस्या नहीं आएगी, लेकिन कड़वी सच्चाई यह है कि महामारी की शुरूआत से ही भारत में वैक्सीन आम लोगों की जिंदगी बचाने के औजार के बजाय प्रधानमंत्री के निजी प्रचार का साधन बन गई.
कमजोर देशों की कतार में शामिल हो गया भारत
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि आज दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन उत्पादक भारत अन्य देशों से वैक्सीन के दान पर निर्भर हो गया है. वैक्सीनेशन के मामले में दुनिया के कमजोर देशों की कतार में शामिल हो गया है. ऐसा क्यों हुआ? जिम्मेदार कौन? आज भारत की 130 करोड़ की आबादी के मात्र 11% हिस्से को वैक्सीन की पहली डोज और मात्र 3% हिस्से को फुल वैक्सीनेशन नसीब हुआ है. जिम्मेदार कौन? मोदीजी के टीका उत्सव की घोषणा के बाद पिछले एक महीने में वैक्सीनेशन में 83% की गिरावट आ गई. जिम्मेदार कौन?
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वैक्सीन पर अब बस मोदीजी की फोटो
प्रियंका गांधी ने कहा कि आज मोदी सरकार ने देश को वैक्सीन की कमी के दलदल में धकेल दिया है. वैक्सीन पर अब बस मोदी जी की फोटो ही है. बाकी सारी जिम्मेदारी राज्यों के ऊपर डाल दी गई है. आज राज्यों के मुख्यमंत्री केंद्र सरकार को वैक्सीन की कमी होने की सूचना भेज रहे हैं. वैक्सीन की कमी के पीछे सरकार की फेल वैक्सीन पॉलिसी दिखाई पड़ती है.