उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

यूपी में प्रियंका गांधी की सक्रियता बढ़ा रही सत्ता और विपक्ष की चिंता

उत्तर प्रदेश की सियासत में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की सक्रियता निश्चित तौर पर विपक्षी दलों को आने वाले विधानसभा चुनाव में परेशानी में डाल सकती है. प्रदेश में जिस तरह से प्रियंका की सक्रियता बढ़ रही है और लोग कांग्रेस से जुड़ रहे हैं, उसका फायदा कांग्रेस को आगामी विधानसभा चुनाव में मिल सकता है. देखें यह रिपोर्ट...

priyanka gandhi active politics in uttar pradesh
यूपी में प्रियंका गांधी की सक्रियता बढ़ा रही सत्ता और विपक्ष की चिंता.

By

Published : Oct 1, 2020, 10:38 PM IST

Updated : Oct 1, 2020, 11:04 PM IST

लखनऊ:कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी कोरोना के दौर में ट्विटर पर सक्रिय रहकर तो योगी सरकार के लिए संकट का सबब बनती ही रही हैं, अब जमीन पर उतर कर भी उन्होंने सरकार के सामने चुनौती पेश कर दी है. प्रियंका की सक्रियता सरकार के लिए सिरदर्द साबित हो रही है. जबसे प्रियंका गांधी ने राष्ट्रीय महासचिव के साथ ही यूपी प्रभारी का दायित्व ग्रहण किया है, तबसे उत्तर प्रदेश में उनकी सक्रियता भाजपा सरकार के सामने संकट खड़ा कर रही है.

कांग्रेस महासचिव की सक्रियता ने बढ़ाई चिंताएं.

हाथरस की घटना पर एक बार फिर प्रियंका का यूपी की जमीन पर उतरना क्या कांग्रेस की खोई हुई जमीन को वापस दिला पाएगा और क्या प्रियंका की सक्रियता से भाजपा के पैरों तले से जमीन खिसक जाएगी, यह भविष्य के गर्भ में है. हालांकि कांग्रेसियों को अभी से लगने लगा है कि आने वाले यूपी विधानसभा चुनाव में प्रियंका गांधी की सक्रियता का फायदा निश्चित तौर पर कांग्रेस को मिलेगा. जनता कांग्रेस के साथ जुड़ेगी. अभी से जनता ने इसका मन बना लिया है.

कब-कब यूपी में दिखी प्रियंका की सक्रियता

  • सोनभद्र के उम्भा में 90 बीघा जमीन के टुकड़े को लेकर आदिवासियों के बीच हुए संघर्ष में 10 गोंड जनजाति के लोग मारे गए और कई घायल हुए. इसके बाद इन अनुसूचित जनजाति के लोगों से मिलने प्रियंका गांधी अगस्त 2019 में उम्भा पहुंचीं. यहां पर उन्होंने सड़क पर ही धरना दे डाला था. रात भर पुलिस ने उन्हें सर्किट हाउस में रखा, जिसकी वजह से ही यह मामला भी सुलझा.
  • दिसंबर 2019 में उन्नाव में रेप पीड़िता और उसके परिवार से मिलने कांग्रेस की जनरल सेक्रेटरी प्रियंका गांधी वहां पहुंची. इस दौरान उन्होंने योगी सरकार पर जोरदार हमला बोला था. इतना ही नहीं, प्रियंका ने लखनऊ में पैदल मार्च किया था. प्रियंका की सक्रियता से भाजपा विधायक के सामने संकट खड़ा हो गया. प्रियंका का यह दौरा राजनीतिक दलों के साथ ही आम जनता में भी चर्चा का विषय बना था.
  • 20 दिसंबर 2019 को प्रियंका गांधी वाड्रा मुजफ्फरनगर के शहर कोतवाली क्षेत्र के किदवई नगर क्षेत्र में मौलाना असद रजा हुसैन के घर पहुंच गईं. आरोप था कि पुलिस ने मदरसे में घुसकर यहां बच्चों को पीटा था, जिसमें मौलाना की भी पिटाई कर दी थी. यहां भी प्रियंका की सक्रियता साफ देखी गई थी.
  • दिसंबर 2019 में ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश के बिजनौर में पहुंची थी. यहां पर नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हिंसा हुई थी, जिसमें कई लोग मारे गए थे. यहां पर उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की थी. प्रियंका यहां पर भी लोगों के दिल में अपने लिए जगह बना गई थीं.
  • दिसंबर 2019 में ही दो दिवसीय दौरे पर प्रियंका गांधी लखनऊ आई थीं. यहां पर उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ मैराथन बैठक कर कांग्रेस की यूपी में जमीन मजबूत करने के लिए रणनीति तैयार की थी. इसके अलावा नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में हिंसा भड़काने और अन्य आरोप में पुलिस ने पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी को गिरफ्तार कर लिया था, जिसके बाद प्रियंका ने उनके परिवार से मुलाकात की थी.
  • फरवरी 2020 में प्रियंका गांधी पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ पहुंची. यहां पर सीएए और एनआरसी प्रदर्शन के दौरान महिलाओं पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े थे और लाठीचार्ज किया था. प्रियंका का यह दौरा भी काफी चर्चा का विषय बन गया था. माना जाने लगा था कि अखिलेश के संसदीय क्षेत्र में प्रियंका सेंध लगाने में सफल हो गईं हैं.
  • अक्टूबर 2020 में हाथरस में एक बेटी की रेप के बाद मौत के मामले में न्याय दिलाने के लिए प्रियंका गांधी अपने भाई राहुल गांधी के साथ दिल्ली से हाथरस के लिए रवाना हुईं. पुलिस द्वारा बार-बार रोके जाने पर वे पैदल ही कई किलोमीटर तक आगे बढ़ीं. बाद में पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया.

क्या कहते हैं कांग्रेस के नेता
यूपी में पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव व प्रभारी प्रियंका गांधी की सक्रियता को लेकर कांग्रेस नेता शाहनवाज आलम कहते हैं कि विपक्ष के नेता होने के नाते हर सवाल पर बोलना यह विपक्ष की जिम्मेदारी होती है और प्रियंका गांधी इसको बखूबी निभा रही हैं. कोरोना में आप डायरेक्टली इंवॉल्व नहीं हो सकते, लेकिन प्रियंका गांधी ने लगातार प्रतियोगी छात्रों से जूम एप पर मीटिंग की है. जितनी भी समस्याएं हैं, उनसे पीड़ित लोगों से खुद प्रियंका मोबाइल, जूम और स्काइप के जरिए बात कर रही हैं. लगातार वे सभी से जुड़ी हुई हैं.

राहुल और प्रियंका गांधी (फाइल फोटो).

कांग्रेस नेता शाहनवाज आलम कहते हैं कि सोनभद्र के उम्भा में जब आदिवासियों पर हमला हुआ तो प्रियंका गांधी वहां गईं. उस दिन उत्तर प्रदेश की आवाम को, विपक्ष को और सत्ता पक्ष को भी यह पता चल गया कि प्रियंका उत्तर प्रदेश में अब आईं हैं तो यहां पर जमने के लिए आईं हैं. जिस तरह से वह सड़क पर तपती धूप में बैठीं, रात भर चुनार के किले में रहीं, उसका नतीजा यह हुआ कि रात में ही प्रशासन को मजबूरन आदिवासी पीड़ितों को बुलाकर बात करानी पड़ी.

शाहनवाज आलम ने कहा कि प्रियंका गांधी इसके बाद बिजनौर गईं, जहां पर सीएए-एनआरसी के प्रदर्शन के दैरान लोगों को मारा गया था. मुजफ्फरनगर गईं, आजमगढ़ के बिलरियागंज में गईं, जहां पर महिलाओं के ऊपर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था तो प्रियंका गांधी हर जगह गई हैं, जहां पर भी महिलाओं के सम्मान की बात हुई. उन्नाव वाली घटना में भी उन्होंने बेटी के न्याय के लिए लखनऊ में पैदल मार्च किया था.

'सिर्फ प्रियंका ही लड़ रहीं लड़ाई'
कांग्रेस नेता शाहनवाज ने सवाल किया कि आखिर विपक्ष के बाकी लोग क्या कर रहे हैं? मायावती खुद एक महिला हैं, वह क्यों नहीं हाथरस की बेटी के लिए सड़क पर उतर रही हैं. प्रियंका गांधी तो लड़ ही रही हैं. उनके अलावा और लड़ ही कौन रहा है?

Last Updated : Oct 1, 2020, 11:04 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details