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फ्री सीट पर दाखिला लेने के बाद बच्चों के नाम काट रहे प्राइवेट स्कूल, BED ने दी यह चेतावनी - arbitrariness of private schools

शिक्षा का अधिकार (right to education) कानून के निजी स्कूलों में फ्री सीट पर दाखिला पाना बच्चों का अधिकार. बेसिक शिक्षा विभाग (Basic education department) के बार-बार कहने के बावजूद दाखिला नहीं ले रहे प्राइवेट स्कूल. पहली बार स्कूल जाने वाले बच्चों की पढ़ाई हुई बेहद प्रभावित.

फ्री सीट पर दाखिला
फ्री सीट पर दाखिला

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Published : Jan 7, 2022, 12:11 PM IST

लखनऊः शिक्षा का अधिकार कानून के निजी स्कूलों में फ्री सीट पर दाखिला पाना बच्चों का अधिकार है, लेकिन प्राइवेट स्कूल अब मनमानी पर उतारू हैं. बेसिक शिक्षा विभाग (Basic education department) के बार-बार कहने के बावजूद प्राइवेट स्कूल दाखिला नहीं ले रहे हैं. कुछ प्राइवेट स्कूल ऐसे भी हैं जो दाखिला लेने के बाद बच्चों के नाम काट दे रहे हैं. इसका खुलासा विभाग में आई शिकायतों में हुआ है.

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अपर शिक्षा निदेशक ललिता प्रदीप के आदेश में लिखा गया है कि बेसिक शिक्षा विभाग की मान्यता के बिना सीबीएसई, आईसीएसई, यूपी बोर्ड की मान्यता नहीं दी जा सकती. ऐसे में जिन स्कूलों द्वारा निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 12 ( 1 ) ( ग ) के अन्तर्गत चिन्हित बच्चों का प्रवेश नहीं लिया जाता है तो उन पर कार्रवाई हो. आदेश में उल्लिखित प्रावधानों के अन्तर्गत निर्देशों की अवहेलना को देखते हुए बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से कार्रवाई सुनिश्चित किया जाये.


यह शिकायतें आईं सामने
वित्तीय वर्ष 2021-22 में चयनित बच्चों के लिए संज्ञान में लाई गईं निम्नलिखित शिकायतें-
1. विभाग द्वारा योजना के अंतर्गत बच्चों की चयन सूची उपलब्ध कराये जाने के पश्चात भी विद्यालय प्रबंधन द्वारा प्रवेश नहीं लिया जाना.
2. चयनित बच्चों के अभिभावकों से अनावश्यक अभिलेख व डॉक्यूमेण्ट की मांग करना एवं अपने स्तर से सत्यापन कराना.
3. अध्ययनरत बच्चों से समय - समय पर वसूली करना एवं रशीद उपलब्ध नहीं कराना.
4. विद्यालय द्वारा अध्ययनरत बच्चों की विद्यालय से नाम काट दिया जाना.
5. अभिभावकों एवं बच्चों को अनावश्यक तंग करना.

आईसीएसई व सीबीएसई आदि बोर्डों में कक्षा 9 से 12 तक की मान्यता के लिए बेसिक शिक्षा विभाग व कक्षा 1 से 8 तक के लिए एनओसी देने के बाद ही केन्द्रीय बोर्ड विचार करते हैं.

कक्षा-8 तक के निर्गत मान्यता पत्र में कतिपय शर्तों का उल्लेख किया जाता है. जिसमें शासन व विभाग द्वारा प्रदत्त निर्देशों का पालन अनिवार्य रूप से करना भी सम्मिलित है. यदि उनके द्वारा शासन व विभाग के निर्देशों का पालन नहीं किया जाता है तो उनकी मान्यता हटाई भी जा सकती है.


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