लखनऊ:जिले के परिवहन विभाग के लिए शुक्रवार का दिन ब्लैक फ्राइडे साबित हुआ. शासन के एक्शन से विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों में खलबली मची हुई है. पूरे विभाग में शासन के एक्शन को लेकर चर्चा है. अधिकारियों में कन्नौज में बर्निंग बस की घटना पर एआरटीओ पर हुई कार्रवाई और रायबरेली में तैनाती के दौरान लखनऊ में तैनात वर्तमान एआरटीओ संजय तिवारी पर हुई कार्रवाई चर्चा में है.
प्रमुख सचिव परिवहन ने पांच एआरटीओ पर की निलंबन की कार्रवाई. प्रदेश शासन ने शुक्रवार को लखनऊ समेत प्रदेश के पांच एआरटीओ पर निलंबन की बड़ी कार्रवाई की है. प्रमुख सचिव परिवहन आरके सिंह ने लखनऊ, कन्नौज, फर्रुखाबाद, अमेठी और हमीरपुर के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया. कन्नौज में बर्निंग बस में लापरवाही के चलते एआरटीओ कन्नौज संजय झा को प्रमुख सचिव ने निलंबित कर दिया.फर्रुखाबाद के एआरटीओ शांति भूषण पांडेय, हमीरपुर के एआरटीओ मोहम्मद हसीब, लखनऊ एआरटीओ संजय तिवारी और अमेठी एआरटीओ पुष्पांजलि गौतम पर निलंबन की गाज गिरी है. बताया जा रहा है कि कन्नौज के एआरटीओ रहे मोहम्मद हसीब ने गाड़ियों की फिटनेस में लापरवाही बरती थी. वहीं कैश बुक मेजरमेंट में लापरवाही और वित्तीय अनियमितता के चलते, एआरटीओ पुष्पांजलि गौतम पर, प्रमुख सचिव परिवहन आरके सिंह ने कार्रवाई की है. बताया जा रहा है कि इसके अलावा भी आधा दर्जन से ज्यादा अधिकारियों पर अभी कार्रवाई होना बाकी है.ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के अफसर शासन की इस कार्रवाई से खिन्न हैं. बताया जा रहा है कि जिन अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है, उनका कोई दोष ही नहीं है. बर्निंग बस मामले में भी एआरटीओ की कोई गलती नहीं है. आरोप है कि विभाग ने अपने अधिकारी पर तो कार्रवाई कर दी, लेकिन इसके लिए जिम्मेदार एनएचएआई और अन्य डिपार्टमेंट पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई है.