लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कक्षा 1 से 5 तक के छात्र-छात्राओं के लिए एक सितंबर यानी बुधवार से ऑफलाइन क्लासेस (offline classes) संचालित की जाएंगी. शासन ने साफ किया है कि अभिभावकों की सहमति के बिना बच्चों को स्कूल नहीं बुलाया जाएगा. अभिभावकों से सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कराए जाएंगे. इस दौरान अगर, बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी कोई शिकायत होती है तो इसके लिए स्कूल नहीं बल्कि, अभिभावक ही जिम्मेदार होंगे.
उत्तर प्रदेश में एक सितंबर से सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों में कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों के लिए ऑफलाइन कक्षाएं शुरू की जाएंगी. खास बात यह है कि बच्चों को स्कूल बुलाने से पहले अभिभावकों की सहमति प्राप्त करनी होगी. अगर, अभिभावक अपने बच्चों को भेजने के लिए तैयार नहीं हैं तो स्कूल प्रशासन की तरफ से उन पर कोई दबाव नहीं बनाया जा सकता है. हालांकि, सहमति पत्र में यह स्पष्ट लिखा हुआ है कि अगर, बच्चे को कुछ होता है तो उसके लिए स्कूल किसी भी स्तर पर जिम्मेदार नहीं होगा. सारी जिम्मेदारी अभिभावकों की ही होगी.
उत्तर प्रदेश में 1 सितंबर से खुलेंगे प्राइमरी विद्यालय बता दें, कोरोना संक्रमण के चलते बीते मार्च माह में स्कूलों को बंद कर दिया गया था. करीब 5 महीने के बाद बच्चों को स्कूल में बुलाया जा रहा है. प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने बताया कि शासन के निर्देश के बाद सरकारी प्राइमरी स्कूलों में तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. शिक्षक अपने प्रयासों से स्कूलों के सैनिटाइजेशन (sanitization) से लेकर साफ-सफाई की व्यवस्था कर रहे हैं. काफी संख्या में अभिभावकों की तरफ से बच्चों को भेजने को लेकर सहमति भी बनी है. उन्होंने बताया कि स्कूलों में सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजेशन समेत विधिवत कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन कराया जाएगा.
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गौरतलब है कि करीब 4 माह बाद योगी सरकार (CM Yogi Adityanath) के आदेश पर 23 अगस्त से कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों के लिए स्कूल खोल (schools reopen) दिए गए, जबकि कक्षा 1 से 5वीं तक के स्कूल 1 सितंबर 2021 से खोले जाएंगे. हालांकि, प्रदेश में कक्षा 9 से 12 तक स्कूल 16 अगस्त से पहले ही खुल चुके हैं. 50 फीसदी क्षमता के साथ छात्र स्कूल जाकर पढ़ाई कर कर रहे हैं.
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यह दिशा निर्देश किए गए हैं जारी
- स्कूल का संचालन एक पाली में सुबह 8:00 बजे से 11:00 बजे तक किया जाएगा. ऐसे स्कूल जहां छात्र संख्या अधिक है, वहां दो पालियों में कक्षाओं का संचालन किए जाने की अनुमति दी गई है.
- पठन-पाठन प्रारम्भ किए जाने के पूर्व विद्यालय प्रबंध समिति की बैठक आयोजित की जाए, जिसमें विद्यालयों के संचालन तथा पठन-पाठन के संबंध में व्यापक विचार करते हुए अभिभावकों को बच्चों को विद्यालय में भेजने के लिए प्रेरित किया जाय.
- बैठक में कोविड-19 की रोकथाम एवं बचाव के लिए गठित निगरानी समिति के सदस्यों को भी आमंत्रित किया जाएगा.
- विद्यालय कैम्पस भवन एवं सभी कक्षाओं के फर्नीचर, उपकरण, स्टेशनरी भंडारकक्ष, पानी टंकी, वाशरूम, प्रयोगशाला, लाइब्रेरी आदि की सफाई कराया जाना सुनिश्चित किया जायेगा.
- कोविड-19 महामारी के रोकथाम के लिए गठित निगरानी समितियां, जिनके पास डिजिटल थर्मल स्कैनर, ऑक्सीमीटर उपलब्ध हो, प्रधानाध्यापक एवं विद्यालय प्रबंध समिति द्वारा समन्वय स्थापित करते हुए विद्यालय में यथावश्यक उपलब्धता करायी जाएगी.
- विद्यालय के लिए परिवहन व्यवस्था आरम्भ किए जाने के पूर्व वाहनों का सेनेटाइजेशन सुनिश्चित किया जाएगा.
- प्रधानाध्यापक द्वारा स्थानीय स्तर पर उपलब्ध स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सीय स्टॉफ से समन्वय स्थापित करते हुए आवश्यक मेडिकल सपोर्ट सुनिश्चित किया जाएगा.
- विद्यालय स्तर पर आपातकालीन स्थिति में त्वरित कार्रवाई के लिए शिक्षकों, यात्राओं के अभिभावकों तथा विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों को सम्मिलित करते हुए कोविड टास्क फोर्स गठित किया जाएगा.
- विद्यालय के समस्त शिक्षक शिक्षणोत्तर, रसोईया, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी एवं अभिभावकों का शत-प्रतिशत टीकाकरण प्राथमिकता के आधार पर कराया जाएगा.
- समस्त शिक्षकों छात्र छात्राओं एवं कर्मचारियों को विद्यालय अवधि में मास्क पहनना अनिवार्य होगा.
- गाइडलाइन के अनुसार छात्र और शिक्षक कम से कम 6 फीट की दूरी बैठेंगे.
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