लखनऊः प्रदेश में 25 मार्च को लॉकडाउन घोषित किया गया था, जिस कारण सभी प्रकार के सामानों की आवाजाही बंद हो गई थी और खाद्य सामग्री के दाम बढ़ गए थे, लेकिन इन दिनों दूसरे राज्यों से जो भी सामान आ रहे हैं, उनकी कीमतों में पहले की अपेक्षा कुछ गिरावट हुई है.
प्रशासन ने जारी की रेट लिस्ट. खाद्यान्न के दामों पर भी पड़ा असर
राजधानी लखनऊ के बाजारों का हाल और खाद्य सामग्री की उपलब्धता जानने के लिए ईटीवी भारत ने फतेहगंज मंडी का दौरा किया. यहां के व्यापारियों ने बताया कि लाॅकडाउन के शुरुआती दिनों में माल नहीं आने के कारण खाद्य सामग्री की कीमतों में बढ़ोतरी हुई थी, लेकिन अब धीरे-धीरे सामान आने लगा है और दाम भी पहले जैसे हो गए हैं. वहीं व्यापारी नेता मुकेश अग्रवाल ने बताया कि माल आने लगा है और आटा, दाल, चीनी और चावल के दाम कम हो गए हैं और आगे भी बढ़ोतरी होने की संभावना नहीं है.
प्रशासन ने जारी की रेट लिस्ट. लॉकडाउन से पहले यह थे दाम
बता दें लॉकडाउन से पहले बाजार में अरहर दाल की कीमत 100 से 110 रुपये तक बिक रही थी, लेकिन वहीं अब 90 से 92 रुपये की बिक रही है. वहीं चने की दाल भी 60 से 65 रुपये तक गिर गयी है. बात मंसूर दाल की बात करें तो पहले 80 रुपये तक बिक रही थी, जो लॉकडाउन के दौरान 60 रुपये के भाव पर है. चीनी के दामों में भी अंतर दिखाई दे रहा है. पहले 45 रुपये में बिकने वाली चीनी अब 38 रुपये आ गयी है. वहीं सरसों के तेल के दाम भी 100 रुपये तक आ गए हैं, जो पहले 120 रुपये तक था.
प्रशासन ने जारी की रेट लिस्ट
लाॅकडाउन में खाद्य पदार्थों की कालाबाजारी न हो इसके लिए प्रशासन ने रेट लिस्ट जारी की है. इसके अनुसार तय कीमत से ज्यादा के दाम पर सामान बेचने वाले दुकानदार पर कार्रवाई होगी. इसके लिए प्रशासन की ओर से लगातार बाजारों का निरीक्षण भी किया जा रहा है. वाणिज्य कर विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर प्रदीप पटेल ने बताया कि अगर कोई भी दुकानदार ज्यादा दामों पर सामान बेचता पकड़ा जाता है या फिर इस संबंध में किसी की शिकायत मिलती है तो संबंधित दुकानदार पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
न हो कालाबाजारी इसलिए 22 टीमें कर रहीं निगरीनी
असिस्टेंट कमिश्नर ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान खाद्य पदार्थ आदि की कालाबाजारी न हो इसके लिए पूरे लखनऊ में जिला प्रशासन और वाणिज्य की ओर से 22 टीमों का गठन किया गया है. हर एक टीम मंडी और स्थानीय बाजार का लगातार निरीक्षण कर रही हैं. साथ ही दुकानदारों को प्रशासन की ओर से तय की गई रेट लिस्ट भी दी जा रही है, जिससे की वह उसी दाम पर सामान बेच सकें.